दिल्ली आत्महत्या मामला : ऐसे सामूहिक हत्याकांड पहले भी हुए, जुयाना में सबसे बड़ा

दिल्ली आत्महत्या मामला : ऐसे सामूहिक हत्याकांड पहले भी हुए, जुयाना में सबसे बड़ा
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Burari Suicide Family Photo
पुरानी घटनाओं को देखे तो राजस्थान में 26 मार्च, 2013 को गंगापुर सिटी के निवासी फोटोग्राफर कंचन सिंह ने अपने परिवार के आठ सदस्यों के साथ एक साथ जहरीला लड्डू खाया।

नई दिल्ली (अश्वनी शर्मा)। भारत में विकृत धार्मिक आस्था के नाम पर देवी-देवता के सामने शरीर के अंग काटकर चढाने या अपने प्राण देने की कुछ घटनाएं प्रकाश में आई हैं। ऐसे कुछ घटनाएं राजस्थान में हुई है, जहां धर्मांध व्यक्ति ने या तो खुद अपनी जान दे दी या अपने परिवार के साथ जीवन लीला समाप्त कर ली। आश्चर्यजनक रूप से बुराड़ी घटना के सभी लोग मूलत: राजस्थान के ही थे। ऐसे में सोचने वाली बात यह है कि क्या वह पहले से ही ऐसे सोच-विचार के थे।

पुरानी घटनाओं को देखे तो राजस्थान में 26 मार्च, 2013 को गंगापुर सिटी के निवासी फोटोग्राफर कंचन सिंह ने अपने परिवार के आठ सदस्यों के साथ एक साथ जहरीला लड्डू खाया। घटना के समय यह लोग भगवान शिव की आराधना कर रहे थे। कंचन सिंह सिंधा भगवान से मिलना चाह रहा था। वहीं कंचन की छोटी बेटी ने नंदी का अवाहन कर लड्डू खाया। कंचन ने घटना से पहले अपनी मां के पैर छूए उसके बाद सभी आठ सदस्यों ने एक साथ लड्डू खाया और भगवान का नाम लेते रहे। उक्त घटना में पांच लोगों की मौत हो गई थी। जबकि तीन लोग उपचार के बाद बच गये थे।

राजस्थान के ही करधनी गांव में पिछले वर्ष डूंगरराम जागिड़ ने पत्नी व तीन बच्चों के साथ जहर खाकर अज्ञत्महत्या की थी। इसमें चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि छोटे बेटे धर्मेन्द्र की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हुई थी। तीसरी घटना भी राजस्थान के नागौर जिले के बागरासर गांव की है। यहां एक पुलिसककर्मी ने पत्नी व दो बच्चों के साथ फांसी लगाकर आत्महत्या की थी। घटना 21 जनवारी, 2018 की है।

हिन्दू धर्म सहित दुनिया के सभी प्रमुख धर्म मानव जीवन को अमूल्य धरोहर मानते हैं तथा सच्चा जीवन जीने की सीख देते है । धर्म से भटके हुए कुछ स्वयंभू गुरू धर्मभीरू भोले-भाले लोगों को तंत्र-मंत्र और काला जादू जैसी पद्धतियों की ओर धकेल देते है,जो एक बड़ी त्रासदी बन जाती है। भारत में तांत्रिक अनुष्ठानों के तहत नर बलि की इक्का-दुक्का घटनाएं प्रकाश में आती रही हैं लेकिन धर्म विश्वास से प्रेरित होकर सामूहिक आत्महत्या करने की बुराड़ी में हुई घटना सबसे बड़ी और चौंकाने वाली है।

पुलिस को घटना स्थल से जो पत्र व लिखित सामग्री मिली है उसमें आत्मा-परमात्मा और मोक्ष प्राप्ति जैसी बातें लिखी हैं। जांच में लगे अधिकारी अब आत्महत्या के जरिए आत्मा-परमात्मा के मिलन की इस दुखद घटना की सच्चाई का पता लगाने में लगे हुए है। घर में मौजूद सभी लोग मृत है इसलिये मौत की वास्तविक परिस्थियों का पता लगाना काफी कठिन है।

भगवान के दर्शन करने और आत्मा-परमात्मा के मिलन में विश्वास रखने वाले बहुत से गुप्त संप्रदाय दुनिया के अनेक देशों में पाये जाते है। इनकी गतिविधियां गुप्त रहती हैं। इसलिए बाहरी दुनिया को इनकी जानकारियां तभी मिलती हैं जब कोई हादसा होता है।

धार्मिक अंधविश्वास के कारण आत्महत्या करने की सबसे बड़ी घटना जुयाना (दक्षिण अमेरिका) में नवम्बर, 1978 में हुई थी। जहां 918 लोग मृत पाये गये थे। पीपुल्स टैंपल सम्प्रदाय के इन अनुयायियों ने स्वयंभू गुरू के कहने पर आत्महत्या की थी। ऐसे ही कुछ अन्य संप्रदाय हैं जैसे शौलर टैंपल, हैवेंस गेट और ऐडम हाउस।

हिन्दूधर्म में आत्महत्या को एक पाप माना गया है और इस धर्म से जुड़ा हर समुदाय 'बड़े भाग से मानुष तन पाया' में विश्वास रखता है । इस धारणा के अनुसार 84 लाख योनियों में मानव योनि सबसे श्रेष्ठ है और इसी के जरिए मनुष्य मोक्ष प्राप्त कर सकता है। इस धारणा के विपरीत स्वंमभू धर्म गुरू या फिर सिरफिरे लोग भोले भाले लोगों को गलत मार्ग पर भटका देते हैं। यह भटकाव दूसरों की जान लेने या खुद अपने प्राण लेने में बदल जाता है।

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