फिर सक्रिय होने लगा इस्लामिक स्टेट
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कोरोना वायरस जैसी महामारी के दौर में एक ओर दुनिया जहां थम गई है, वहीं सीरिया और ईराक में इस्लामिक स्टेट फिर से सिर उठाने लगा है। इस्लामिक स्टेट ने सीरिया और ईराक से इतर भारत पर भी कब्जा करने की योजना बनाई है। इस योजना के अनुसार वह भारत के अलावा यूरोप, चीन व उत्तरी अफ्रीका तक अपने पैर पसारना चाहता है। अपने खतनाक इरादों को जताने के र्लिए आएस ने अपने दावे के समर्थन में एक नया मैप जारी किया है। अगर इस मैप को थोड़ी देर के लिए सच मान लिया जाए तो आने वाले पांच सालों में आईएस दुनिया क पांच बड़े देशों पर कब्जा जमाने में सफल हो जाएगा। भले ही ये तथ्य गलत साबित हों। लेकिन, इस खतरनाक संगठन के इरादों को किसी भी सूरत में नजरअदंाज नहीं किया जाना चाहिए। बहरहाल, सीरियाई मांदों में छुपे विद्राही फिर बाहर निकलने की फिराक में हैं। ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या सीरिया व ईराक में फिर से सक्रिय हो रहा है इस्लामिक संगठन?
सीरिया पर पहले अमेरिका फिर रूस ने जिहादियों को समाप्त करने के लिए व्यापक स्तर पर कार्रवाई की थी। दावा किया गया था कि मानवता के दुश्मन का खात्मा कर दिया गया है लेकिन ताजा रिपोर्ट ने दुनिया के बड़े देशों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। इसके मद्देनजर आगामी दिनों में ब्रिसेल्स में एक आभासी बैठक आयोजित की जा रही है। बदलते परिवेश को देखते हुए भारत को भी अपनी उत्तर-पश्चिमी सीमाओं पर चैकन्ना रहने की जरूरत है। खासकर जम्मू-कश्मीर में यह सतर्कता और अधिक बढ़ जानी चाहिए, क्योंकि वहां अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद चरमपंथी ताकतों ने हाल के दिनों में फिर से गतिविधियां तेज कर दी हैं। हालांकि इसमें कोई दो राय नहीं कि जम्मू-कश्मीर में सेना व स्थानीय प्रशासन पूरी तरह चुस्त व मुस्तैद है। लेकिन फिर भी जिस तरह की रिपोर्ट आ रही है, उससे अब हमें और अधिक चैकन्ना रहने की जरूरत है।
बताया जा रहा है कि सीरिया के युद्ध प्रभावित लोगों के जीवन स्तर को उंचा उठाने के लिए ब्रिसेल्स में होने वाली इस आभासी बैठक में सदस्य देश सीरिया में युद्ध के बाद उपजे हालातों पर विमर्श करेंगे। सीरिया में इस समय हालात बेहद दयनीय हैं। दो करोड़ लोगों को यातनाएं दी जा रहीं हैं। लोग विस्थापन का शिकार हुए हैं। फलों की कीमतें आसमान छू रही हैं। खाने-पीने की चीजें महंगी हैं। हालात इतने खराब हैं कि सीरिया से हुए पलायन के बाद 2011 से पूर्व आबादी में खासी कमी आई है। 46 लाख सीरियाई ईरान, मिश्र, जार्डन जैसे देशों में रहने चले गए हैं। और इन देशों में चरमपंथियों के फिर से सक्रिय होनेे के संकेत मिल रहे हैं। बड़ी संख्या में चरमपंथी ईराक व सीरिया के हिस्सों में छुपे बताए जा रहे हैं। सुरंगों व गुफाओं में छिपकर वे सेंध लगा रहे हैं। इसके लिए डरे व सहमे हुए लोगों से वसूली की जा रही है। अधिकारियों की हत्या की जा रही है। दुनिया कोरोना से थमी हुई नजर आ रही है और आईएस अपने पैर पसार रहा है। हाल ही में सीरिया के एक हिस्से में 15 चरमपंथियों ने हमला कर दिया। कोरोना जैसी महामारी से त्रस्त दुनियाभर के देश मानवता को बचाने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। लेकिन कोरोना अब तक काबू में नहीं आया है। तस पर चरमपंथी संगठनों की नापाक कोशिशें और चिंता का कारण बन गई हैं।
Arun Anand
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