शादी के बाद शुरू किया अदाकारी का सफर
मप्र की प्रतिभावान अदाकारा और भाबीजी घर पर हैं सीरियल में अंगूरी भाभी बनी शुभांगी अत्रे से साक्षात्कार
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भले शादी के बाद तमाम लड़कियों की दुनिया सीमित हो जाती हो लेकिन शुभांगी अत्रे की दुनिया ऐसी नहीं है। मुम्बई सिने दुनिया की इस अदाकारा ने एक्टिंग में अपनी पारी शादी के बाद ही शुरु की। वे एकता कपूर के साथ एक बार शुरु हुईं तो फिर मुड़कर पीछे नहीं देखा। उनकी अदाकारी में बेहतरीन पारी कुछ ऐसी जारी है कि देश आज शुभांगी को भोलीभाली 'बोडम सीÓ अंगूरी भाभी के किरदार से जानता है। जीहां मप्र के इंदौर से निकलीं शुभागी अत्रे ही लोकप्रिय सीरियल भाबीजी घर पर हैं की केन्द्रीय पात्र अंगूरी भाभी हैं। चार साल से एंड टीवी पर उनका सीरियल दर्शकों की आंखों में सरताज बना हुआ है। आइए करते हैं उनसे कुछ फुरसत से बात।
प्रश्न: हम सबकी पसंदीदा अंगूरी भाभी मतलब शुभांगी अत्रे का मप्र से कैसा जुड़ाव है?
शुभांगी: एमपी मेरा घर है। यहां के हिल स्टेशन पचमढ़ी में मेरा जन्म हुआ। इसके बाद पापा का तबादला होते होते हम इंदौर आ गए। तीन बहनों के साथ स्कूल तक की पढ़ाई इंदौर में ही की। इंदौर मेरे दिल में बसता है। मैंने यहां रहते हुए अपने सपने देखे और उनको पूरा करने चलना भी शुरु किया।
प्रश्न: एक्टिंग में आपका सफर कैसे शुरु हुआ?
शुभांगी: मैं कथक डांसर रही हूं और ऑल इंडिया परफोर्म कर चुकी हूं। स्टेज से कभी डर नहीं लगा। पर्दे पर आने की तमन्ना थी जिसे पति के साथ पुणे में ऑडीशन देने के साथ पूरा किया। मुझ पर ईश्वर की कृपा रही। मैं अपना बेस्ट देती रही और मुझे नए नए मौके मिलते रहे। एकता कपूर ने मुझे पहला मौका दिया।
प्रश्न: आपकी जल्दी शादी से आपको करियर में कहीं परेशानी आयी?
शुभांगी: जी नहीं बल्कि मुझे मेरे पति के होने से हमेशा बहुत सपोर्ट मिला। ये बात सही है कि 19 साल में मेरी शादी हो गयी थी लेकिन उसके बाद मेरा करियर आप सबने टीवी पर देखा ही है। शादी के बाद करियर खत्म होने की बात लोग सुनते होंगे मगर मेरा एक्टिंग करियर तो शादी के बाद ही शुरु हुआ। आज मेरी बेटी आशी और मेरे पति मेरी एक्टिंग के अच्छे क्रिटिक हैं। वे मुझे कहां अच्छा किया, कहां कम किया, कहां कौनसा ड्रेसअप होना था सब कुछ बताते हैं। मेरी बहनें भी मुझे लगातार रिस्पांस देती हैं जिससे मैं बैटर कर पाती हूं।
प्रश्न: भाबीजी घर पर हैं में शिल्पा शिन्दे के बाद आप आयीं, क्या चुनौती थी?
शुभांगी: मैंने अंगूरी भाभी के किरदार को समझा और उसे अपनी समझ से अदा किया। जब हम एक्टिंग करते हैं तो हर कलाकार के अंदर का कुछ न कुछ अलग पर्दे पर हमें जरुर दिखता है। मुझे खुशी है कि मैं अपनी स्वतंत्र पहचान बना पायी। मुझे इस रोल के लिए लोग चाहने लगे हैं इससे बड़ी बात एक कलाकार के लिए क्या होगी।
प्रश्न: अंगूरी का किरदार इतनी गहराई से आप कैसे कर लेती हैं?
शुभांगी: मैंने बचपन से अपने आसपास ऐसी महिलाएं देखीं हैं जिनके जीवन में अंगूरी की तरह पति ही उनकी दुनिया होता है। बिन्दी लगाना, पति का हमेशा ख्याल रखना और भोली भाली बोडम सी रहना। ऐसे असल जिंदगी के किरदारों को मैंने अपने किरदार में शामिल किया है। इसके साथ ही कैमरे के सामने जब मैं जाती हूं तो मैं खुद को अंगूरी ही फील करती हूं। मेरे डॉयलॉग मैं फील भी करती हूं साथ ही सबसे बड़ी बात ये है कि सीरियल में सब कुछ इतना खूबसूरती से लिखा जाता है कि हम बहुत आसानी से करते जाते हैं। सचमुच स्क्रीनप्ले, डॉयलॉग लिखने वाली हमारी टीम बहुत टेलेन्टेड है। ये असल में टीमवर्क की खूबसूरती है जो करोड़ो हिन्दुस्तानी इतने साल से हमें पसंद कर रहे हैं।
प्रश्न: सबको गुदगुदाने वाली अंगूरी भाभी की बाकी मॉर्डन कॉलोनी वालों से ऑफलाइन कैसी कैमिस्ट्री हैं?
शुभांगी: हमारा शो कॉमेडी शो है सो पूरा दिन हंसते हंसाते काम करते हुए निकलता है। सुबह 9 से रात 9 तक हम महीने में करीब 25 दिन काम करते हैं तब आप लोग हम सबको रोज प्राइम टाइम पर देख पाते हैं। हम सब खूब मस्ती करते हैं। सभी लोग बहुत खुशमिजाज हैं आपके हप्पूजी और मैं तो एमपी से होने के कारण पड़ोसी हैं। उनसे भी खूब हंसना हंसाना चलता रहता है।
प्रश्न: आपकी लोकप्रियता टीवी पर शिखर पर है अब आगे सिनेमा के बारे में सोचा क्या आपने?
शुभांगी: आज टीवी के कलाकार फिल्मों में भी अच्छे मौके पा रहे हैं। मैं अभी भाबीजी घर पर हैं में ही पूरा वक्त दे रही हूं लेकिन जब वक्त मिलेगा तो सिनेमा से भी परहेज नहीं है। बस मैं केवल ऐसा रोल करना चाहूंगी जो एकदम हटकर हो और जिससे मुझे जाना जाए।
प्रश्न: वेबसीरीज के बारे में आपका क्या ख्याल है?
शुभांगी: बिल्कुल जितने अधिक मीडियम आ रहे हैं उतने ज्यादा मौके कलाकारों को मिले हैं। बेबसीरीज अच्छी भी बनीं तो कई जगह वल्गेरिटी ज्यादा छायी रही। मुझे बेबसीरीज से परहेज नहीं मगर काम करते वक्त मेरा ख्याल हमेशा इस बात पर जरुर रहेगा कि मैं एक्टिंग के बाद फैमिली को आत्मविश्वास के साथ फेस कर सकूं आखिर हम सभी की फैमिली के प्रति जिम्मेदारियां हैं। मुझे बहुत खुशी है कि मेरे अब तक के काम ने मेरे परिवार को फीलगुड कराया है।
प्रश्न: आप निमाड़ से होकर भी पूर्वांचल की बोली इतनी पकड़ के साथ कैसे बोल पाती हैं।
शुभांगी: सही पकड़े हैं। (हंसते हुए)। देखिए मैं किरदार को समझने अपना 100 प्रतिशत दिया है। हमारे डॉयलॉग लिखने वालों को भी इसका क्रेडिट जाता है साथ ही अंदर का कलाकार जब रम जाए तो वह अच्छा ही करता है। मैं जब कानपुर जाती हूं तो लगातार पूछती हूं कुछ ऐसे शब्द जो अंगूरी भाभी के किरदार को शूट करें। इसके साथ ही ये ईश्वर का आशीर्वाद है कि जैसे मैं पूर्वांचली बोल रही हूं अगर स्क्रिप्ट दे दी जाए तो मैं उसी सफाई से पंजाबी भी बोल सकती हूं। इसे आप गॉड गिफ्ट भी मान सकते हैं।
प्रश्न: स्वदेश के पाठकों के लिए आप क्या कहना चाहेंगी?
शुभांगी: बस सिर्फ इतना ही कि आप सबके प्यार ने भाबीजी घर पर हैं सीरियल को इंडिया भर में फेमस कर दिया है। ये प्यार बनाए रखिए और यूंही हमारी मॉडर्न कॉलोनी को रोज देखते हुए हंसते हंसाते रहिए।
शुभांगी अत्रे का मुंबई में सफर
सीरियल वर्ष
कसौटी जिंदगी की 2007
कस्तूरी 2008
ये रिस्ता क्या कहलाता है 2009
दो हंसो का जोड़ा 2010
हवन 2011
चिडिय़ाघर 2013
सावधान इंडिया 2014
अधूरी कहानी हमारी 2015
गुलमोहर ग्रांड 2015
स्टोरीज बाई रविन्द्रनाथ टैगोर 2015
भाबीजी घर पर हैं 2016 से अब तक
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