पढ़ाई के लिए विदेश जाना क्यों पसंद करते है भारतीय छात्र: क्या विदेश में पढ़ाई करना आसान है या एक भ्रम? विदेश में पढ़ाई करने के फायदे और चुनौतियां

आज के समय में विदेश जाकर पढ़ाई करना कई भारतीय छात्रों का सपना है। ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, कनाडा, यूके और रूस, जैसे कई देश छात्रों के बीच पढ़ाई के लिए लोकप्रिय है। हर साल लाखों की संख्या में भारतीय छात्र विदेशी युनिवर्सिटी में दाखिला लेते है। साल 2024 में जारी किए गए सरकारी आकड़ों को अनुसार विदेश में शिक्षा प्राप्त करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या 13.3 लाख थी।
ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि भारतीय छात्र पढ़ाई के लिए विदेश क्यों जाते है? क्या वाकई विदेश में शिक्षा पाना आसान है या सिर्फ एक आकर्षक भ्रम? विदेश में पढ़ाई करने के असल फायदे और चुनौतिया क्या है? तो आइए जानते है इन सवालों के जवाब।
क्यों पसंद करते है भारतीय छात्र विदेश जाना
उच्च शक्षा, नई टेक्नोलॉजी और बेहतर करियर ऑप्शन जैसे कई कारण है जो छात्रों को विदेश जाने के लिए प्रेरित करते है।
बेहतर शिक्षा व्यवस्था - विदेशी यूनिवर्सिटी भारत के मुकाबले उच्च स्तर की शिक्षा देती है। कई यूनिवर्सिटी नई टेक्नोलॉजी, आधुनिक पाठ्यक्रम और बेहतर रिसर्च सुविधाओं के लिए मशहूर है। वहाँ पढ़ाई का तरीका ज्यादा प्रैक्टिकल होता है। साइंस, इंजीनियरिंग, आर्ट और मेनेजमैंट जैसे क्षेत्रों में विदेशी कॉलेजों और यूनिवर्सिटी द्वारा दी जाने वाली पढ़ाई को पूरी दुनिया से मान्यता प्राप्त है।
विदेश में पढ़ाई का तरीका छात्रों को सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रखता, बल्कि उन्हें अपने काम से जुड़े क्षेत्रों में प्रैक्टिकल अनुभव लेने का मौका भी देता है।
टॉप यूनिवर्सिटी में पढ़ने का मौका - टॉप यूनिवर्सिटी की मान्यता दुनियाभर में है, इससे नौकरी के बेहतर अवसर मिलते है। इतना ही नहीं ब्लकि आज के हाई कॉम्पटीशन वर्ल्ड में एक टॉप यूनिवर्सिटी की डिग्री आपको अन्य उम्मीदवारों से अलग करती है। इस तरह की डिग्री के पर्सनल और प्रोफेशनल रूप से कई फायदे है।
करियर की बेहतर संभावनाएं - विदेश से मिली डिग्री एक पासपोर्ट की तरह है जो दुनिया भर में करियर बनाने के लिए नए दरवाजे खोलती है। ये कहना गलत नहीं होगा कि एक विदेशी युनिवर्सिटी से डिग्री हासिल करने वाले छात्रों के पास करियर के लिए बेहतर संभावनाएं है। खासतौर पर मल्टी नेशनल कंपनी ऐसे युवाओं को प्राथमिकता देती है जिनके पास टॉप यूनिवर्सिटी की डिग्री है।
इनके अलावा भी कई ऐसे कारण है जो भारतीय छात्रों को विदेश में पढ़ने के लिए प्रेरणा देते है जैसे इमीग्रेशन का अवसर, नया एक्सपीरियंस और एक्सपोजर। साथ ही घर से दूर रहकर पढ़ने से छात्र आत्मनिर्भर और जिम्मेदार बनते है।
विदेश में पढ़ाई करने के फायदे और चुनौतियां
विदेश में पढ़ने के फायदे
हालांकि विदेश में पढ़ना थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है लेकिन इसके कई फायदे है -
1. विदेश से पढ़ाई करना एक तरह से बेस्ट रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट है। जिसके भविष्य में बहुत अच्छे फायदे मिल सकते है। टॉप यूनिवर्सिटी से डिग्री मिलने पर करियर के बेहतर ऑप्शंस, हाई सैलरी मिलती है।
2. विदेश में कई यूनिवर्सिटी इंटरनेशनल छात्रों को अपनी कोर्स के दौरान पार्ट-टाइम काम करने की अनुमति देते है। पार्ट-टाइम काम सिर्फ फाइनेंसियल मदद ही नहीं करता, बल्कि लोकल कल्चर से जुड़ने का भी मौका देता है।
3. नए देश में रहने से छात्रों का पर्सनैलिटी डेवलपमेंट होता है। वे आत्मनिर्भर बनते है और मुश्किल परिस्थिति में फैसला लेना सीखते है।
4. कई देशों में पढ़ने के बाद वहाँ इंटर्नशिप और अच्छे जॉब ऑफर्स मिलते है, साथ ही वहाँ की सिटीजनशिप या परमानेंट रेसिडेंस भी मिल जाता है, जिससे लाइफ स्टेबल हो जाती है।
5. विदेश में अकेले रहकर पढ़ाई करने से छात्र ज्यादा जिम्मेदार, आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनते है। उन्हें चुनौतियों का सामना करना आता है और वे अपनी क्षमताओं को बेहतर ढंग से पहचानते है।
विदेश में पढ़ाई की चुनौतियां
विदेश में पढ़ाई करने का सपना बहुत सारे छात्रों का होता है, लेकिन इस सपने को पूरा करने के लिए छात्रों को कुछ जरूरी चुनौतियां का सामना भी करना होता है:
1. विदेश में पढ़ने के लिए वीजा पाना और वहां के नियमों का पालन करना थोड़ा चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। वीजा लेने के लिए छात्रों को कई जरूरी दस्तावेज तैयार करने होते है। साथ ही सभी दस्तावेज को समय पर और सही तरीके से जमा करना बहुत जरूरी होता है, वरना वीजा रिजेक्ट भी हो सकता है।
2. विदेश में रहने और पढ़ाई करने के लिए छात्रों को बहुत सोच-समझकर योजना बनानी होती है। उन्हें अपने हर खर्चे का ध्यान रखना होता है और बजट बनाकर उसी के हिसाब से चलना पड़ता है ताकि उन्हें पैसों की कमी न हो।
3. घर से दूर रहने और नई जगह पर खुद को ढालने का असर छात्रों के दिमाग पर पड़ सकता है। वे तनाव, चिंता और उदासी महसूस कर सकते है। ऐसे में उन्हें मदद और साथ की जरूरत होती है।
4. नए देश में छात्रों को अपनी सुरक्षा का खास ध्यान रखना होता है, और वहां के कानून और नियमों का पालन करना होता है। अगर वे कोई नियम का उल्लघंन करते है, तो उस पर जुर्माना लग सकता है, या पढ़ाई करने का अधिकार भी छिन सकता है। इसलिए विदेश जाने से पहले पूरी जानकारी लेना, नियम समझना और अच्छे से तैयारी करना बहुत जरूरी है।
विदेश में पढ़ाई करना आसान है या भ्रम ? एक भारतीय छात्र का अनुभव
कई भारतीय छात्रों का सपना है कि वे विदेश में जाकर शिक्षा प्राप्त करे, लेकिन क्या यह रास्ता उतना आसान है जितना दिखता है?
हमने रूस में MBBS कर रहे एक भारतीय छात्र आर्यन देसाई से बात की, जिन्होंने विदेश में पढ़ाई की वास्तविकता पर अपनी राय साझा की -
सवाल 1. जब आपने विदेश में पढ़ाई करने का फैसला किया, तो क्या आपको लगा था कि यह आसान होगा?
जवाब - 2023 में, NEET परीक्षा देने के बाद, मुझे यह सच पता चला कि मेरे एवरेज नंबर से भारत में सरकारी मेडिकल कॉलेज मिलना मुश्किल है। तभी मैंने रूस में MBBS करने का फैसला किया। तीसरी क्लास से हॉस्टल में रहने के कारण, मुझे लगा कि मेरे पास विदेश में जिंदगी बिताने के लिए जरूरी एक्सपीरियंस और एडजस्ट करने की क्षमता है। लेकिन, मेरा पहला साल उतार-चढ़ाव भरा रहा। इसी दौरान मुझे फाइनेंसियल इंडिपेंडेंस का असली मतलब समझ में आया। मुझे समझ आया कि कई बार आपके पास आगे बढ़ने, नई जिंदगी को अपनाने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।
सवाल 2. क्या आपको लगता है कि विदेश में मिलने वाली बेहतर फैसिलिटीज और रिसोर्सेज से पढ़ाई आसान हो जाती है?
जवाब - यह बिल्कुल सच है कि रूस सहित कई फॉरेन यूनिवर्सिटीज में मिलने वाले एडवांस्ड इक्विपमेंट और फैसिलिटीज पढ़ाई और डेली लाइफ दोनों को काफी बेहतर बना सकते है। मॉडर्न लैबोरेटरीज, अच्छी बुक्स वाली लाइब्रेरीज और एफिशिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर मिलने से सीखने का माहौल अच्छा बन सकता है। जिससे स्टूडेंट्स अपनी पढ़ाई और पर्सनल ग्रोथ पर ज्यादा फोकस कर पाते है।
सवाल 3. लैंग्वेज बैरियर ने आपकी पढ़ाई और सोशल लाइफ को कैसे अफेक्ट किया?
जवाब - लैंग्वेज बैरियर एक बड़ी मुश्किल हो सकती है जब आप रूस जैसे फॉरेन कंट्री में रहना शुरू करते है, जहाँ इंग्लिश ज्यादा नहीं बोली जाती। रोजमर्रा के कामों के लिए लोकल लोगों से आसानी से बात न कर पाना, दोस्त ना बनना, या छोटी चीजों को भी न समझ पाना बहुत अकेलापन और मुश्किल भरा हो सकता है। पहले कुछ महीनों में इसका आपकी पढ़ाई और सोशल लाइफ पर काफी असर पड़ा होगा।
सवाल 4. एक फॉरेन यूनिवर्सिटी में एकेडमिक माहौल भारत से कैसे अलग है? क्या आपको एडजस्ट करने में मुश्किल हुई?
जवाब - रूस में मेरी यूनिवर्सिटी इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को बहुत सपोर्ट करती है। उन्होंने मिक्स्ड-नेशनलिटी ग्रुप्स बनाए, जिससे कम्युनिकेशन और डाइवर्स सोशल सर्कल बनाने में हेल्प मिली। इंग्लिश बोलने वाले टीचर्स और प्रोफेसर्स का होना भी एकेडमिकली बहुत फायदेमंद रहा है। फॉरेन यूनिवर्सिटी में पढ़ाई का स्तर भारत के मुकाबले बहुत ऊंचा होता है। छात्रों को बहुत मेहनत करनी पड़ती है।
सवाल 5. फाइनेंसियली, विदेश में पढ़ाई आपकी उम्मीद से ज्यादा या कम चैलेंजिंग थी?
जवाब - रूस में ट्यूशन फीस काफी कम है, इंडिया के प्राइवेट मेडिकल कॉलेज से तीन गुना सस्ती। हालाँकि, पर्सनल खर्च को मैनेज करना बहुत जरूरी है। फाइनेंसियल चैलेंजेस का सामना करने के बाद, मैंने बजटिंग के महत्व को समझा है। लेकिन डेली यूज की ज्यादातर चीजों के दाम इंडिया के बराबर है, जिससे काफी हद तक एक्सपेंसेस मैनेजेबल है।
सवाल 6. क्या विदेश में पढ़ाई उतनी आसान है जितना लोग सोचते है, या सिर्फ एक भ्रम है?
जवाब - विदेश में पढ़ाई करना बिल्कुल भी आसान रास्ता नहीं है। यह काफी ज्यादा चैलेंजिंग है, जिसके लिए स्ट्रॉन्ग टाइम मैनेजमेंट, सेल्फ-सफिशिएंसी (जैसे कुकिंग) और अक्सर पढ़ाई के साथ-साथ पार्ट-टाइम काम को बैलेंस करना पड़ता है। यह इमोशनली भी थका देने वाला हो सकता है। हालाँकि, यही चैलेंज कैरेक्टर डेवलपमेंट और सेल्फ-डिस्कवरी के लिए बहुत वैल्यूएबल है।
सवाल 7. आप इंडिया में पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स को विदेश में पढ़ाई की रियलिटी के बारे में क्या मैसेज देना चाहेंगे?
जवाब - इंडिया में सभी को मेरा हैलो! रूस में MBBS करने के अपने एक्सपीरियंस से, मैं आपको बताना चाहता हूँ कि यह कैसा होता है। हालाँकि यहाँ प्राइवेट कॉलेज की तुलना में कम ट्यूशन फीस निश्चित एक फायदा है, लेकिन चैलेंजेस को कम मत आंकिए। आपको शुरू में लैंग्वेज बैरियर का सामना करना पड़ेगा, और यूनिवर्सिटी सपोर्ट के बावजूद, एक अलग एकेडमिक माहौल में एडजस्ट होने में टाइम लगता है।
हालाँकि, यह सफर अविश्वसनीय रूप से ट्रांसफॉर्मेटिव है। आप इमेंस सेल्फ-रिलायंस डेवलप करेंगे, तरह-तरह की जिम्मेदारीयों को मैनेज करना सीखेंगे और एक यूनिक ग्लोबल पर्सपेक्टिव हासिल करेंगे।
यह सच में आपको अपनी स्ट्रेंथ और खुद को डिस्कवर करने के लिए प्रेरित करता है। तो, अगर आप विदेश में पढ़ाई करने के बारे में सोच रहे है, तो मेहनत करे, एडजस्ट करने और चैलेंजेस को अपनाने के लिए तैयार रहें, जो पर्सनल ग्रोथ आपको मिलेगी वह अनमोल होगी।
विदेश में पढ़ाई करना छात्रों के लिए एक सुनहरा अवसर हो सकता है, लेकिन इसके साथ चुनौतियाँ भी आती है। छात्रों को पूरी जानकारी और तैयारी के साथ विदेश जाने का फैसला लेना चाहिए। मानसिक, भावनात्मक और आर्थिक रूप से तैयार रहकर ही यह सफर सफल हो सकता है। यदि सही योजना और दिशा में कदम बढ़ाया जाए, तो विदेश में पढ़ाई एक जिंदगी बदलने वाला अनुभव बन सकता है।