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चांदी ने दिया 45 फीसदी रिटर्न, साल के अंत तक बना सकती है नया रिकॉर्ड

चांदी ने दिया 45 फीसदी रिटर्न, साल के अंत तक बना सकती है नया रिकॉर्ड
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नई दिल्ली। लॉकडाउन खुलने और औद्योगिक मांग बढ़ने से चांदी की चमक सोने से तेज हो गई है। चांदी का भाव शुक्रवार को घरेलू वायदा बाजार में 78 हजार रुपये प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गया। सिर्फ 21 दिनों में चांदी ने 45 फीसदी रिटर्न दिया है। इस साल जनवरी से सोना के मुकाबले चांदी करीब डेढ़ गुना ज्यादा रिटर्न दे चुकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में इसकी कीमतों में और तेजी देखने को मिल सकती है। घरेलू बाजार में चांदी अपने सर्वकालिक स्तर 75 हजार रुपये के स्तर से अभी सात हजार रुपये दूर है।

सोना और चांदी के भाव का अनुपात फिर घटता जा रहा है। यह इस बात का संकेत है कि सोने के बजाय चांदी की तरफ निवेशकों का रुझान बढ़ा है। वहीं, कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन खुलने से चांदी की औद्योगिक मांग तेजी से बढ़ी है। इससे भी निवेशकों का रुझान चांदी की ओर बढ़ा है। उनका कहना है कि कोरोना का टीका अगले दो-से तीन माह में बन जाने की पूरी संभावना है। ऐसा होने पर कारखानों से चांदी की मांग ज्यादा आएगी। इसकी वजह से चांदी में और तेजी देखने को मिल सकती है। हालांकि, उस स्थिति में चांदी का उत्पादन भी बढ़ सकता है जिससे चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव भी देखने को मिल सकता है।

बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की वजह से चांदी का मेडिकल क्षेत्र में उपयोग अचानक बढ़ा है। चांदी का सबसे अच्छा औद्योगिक उपयोग इसका एंटी-माइक्रोबियल एजेंट होना है। इस खासियत की वजह से चांदी का कई कार्यों में इस्तेमाल किया जा सकता है।'चांदी का इस्तेमाल एंटी-बैक्टीरियल स्पोर्ट्सवियर में किया जाता है, ताकि उनमें बदबू कम की जा सके। इसका इस्तेमाल सैनिकों और चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए एंटी-बैक्टीरियल कपड़ों में किया जाता है। कोरोना की वजह से कई मेडिकल उपकरणों में चांदी का उपयोग हो रहा है। ऐसे में इसकी कीमतें बढ़ती जा रही हैं।

इस साल के अंत तक चांदी के 80 से 85 हजार रुपये के स्तर तक पहुंचने की उम्मीद है। चांदी की औद्योगिक मांग ज्यादा होती है और दुनियाभर में लॉकडाउन में धीरे-धीरे छूट के बाद औद्योगिक गतिविधियां तेज हो रही हैं। ऐसे में आने वाले समय में चांदी की मांग में तेजी कायम रहने की उम्मीद है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना का टीका बनते ही चांदी की कीमतों में कुछ समय के लिए तेज गिरावट भी देखने को मिल सकती है। ऐसे में ऊंची कीमत पर ज्यादा निवेश से सतर्क रहने की जरूरत है।

चांदी न सिर्फ कीमती धातु है बल्कि यह एक औद्योगिक धातु भी है और इसका उपयोग आभूषण के साथ-साथ उद्योग में भी होता है। इसका इस्तेमाल सेल फोन, टीवी, कंप्यूटर और दूसरी इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के अलावा चिकित्सा, सौर ऊर्जा, पैकेजिंग और फोटोग्राफी के अलावा कई अन्य सेक्टरों के उद्योगों में भी होता है। इसके अलावा फूड पैकेजिंग क्षेत्र में भी बड़ी मात्रा में चांदी का उपयोग होता है।

कहां कितनी मांग

90 फीसदी चांदी की मांग औद्योगिक क्षेत्रों में होती है

13 करोड़ औंस सौर ऊर्जा क्षेत्र में चांदी की मांग

10 करोड़ औंस की मांग चिकित्सा क्षेत्र में होने का अनुमान

3.8 करोड़ औंस फूड पैकेजिंग क्षेत्र में चांदी की मांग

Updated : 9 Aug 2020 7:40 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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