कोरोना काल में शुरूआती झटकों के बाद दोगुनी रफ्तार से दौड़ा शेयर बाजार, सूचकांक हुए मजबूत
X
मुंबई। कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले एक साल से अधिक समय से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर काफी प्रतिकूल असर पड़ा है। इसकी वजह से भारत की अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है। अर्थव्यवस्था के संकेतकों में से एक शेयर बाजार ने शुरुआती झटके के बाद रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने में सफलता हासिल कर ली है।
देश की अर्थव्यवस्था में जीडीपी विकास दर कोरोना के झटके की वजह से चार दशक के निचले स्तर पर आ गई है, लेकिन भारतीय शेयर बाजार ऑल टाइम हाई के रोज नए रिकॉर्ड बना रहा है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के निफ्टी ने आज 15,800 अंक के स्तर को पार करके एक बार फिर ऑल टाइम हाई का नया रिकॉर्ड बनाया। इसी तरह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स भी 52,440 से ऊपर तक जा चुका है। ये ठीक है कि निफ्टी और सेंसेक्स दोनों ही आज हुई जोरदार बिकवाली के दबाव में इस स्तर को बरकरार नहीं रख सके। लेकिन भारतीय शेयर बाजार में कोरोना संक्रमण के बावजूद लगातार तेजी का रुझान बना हुआ है।
वैक्सीनेशन की रफ्तार में तेजी
जानकारों का कहना है कि भारतीय शेयर बाजार की तेजी की सबसे बड़ी वजह देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार में आई गिरावट और वैक्सीनेशन की रफ्तार में आई तेजी है। इसके साथ ही दुनिया के अन्य शेयर बाजारों की मजबूती से भी भारतीय शेयर बाजार को बल मिला है। इसी तरह बॉन्ड मार्केट में आई स्थिरता ने भी भारतीय शेयर बाजार में पॉजिटिव सेंटीमेंट्स को बल दिया है। शेयर बाजार में आई तेजी की पीछे एक बड़ी वजह ज्यादातर दिग्गज कंपनियों के चौथी तिमाही के मजबूत नतीजे भी हैं।
दोनों सूचकांक मजबूत -
शेयर बाजार की मजबूती का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स इस साल अभी तक 9.6 फीसदी और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 12.7 फीसदी तक मजबूत हो चुका है। पिछले साल मार्च के महीने से लेकर अभी तक में शेयर बाजार में पहले तेज गिरावट का रुख भी देखा। लेकिन उसके बाद शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी भी आई। साल भर की अवधि में ही भारतीय शेयर बाजार का कारोबार लगभग दोगुना हो गया है।
मार्केट कैप बढ़ा -
बाजार की तेजी को इस बात से भी समझा जा सकता है कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप देश की जीडीपी से भी ज्यादा होकर करीब 230 लाख करोड़ रुपये का हो गया है। कंपनियों के मार्केट कैप की ये स्थिति भविष्य की बेहतर आर्थिक संभावनाओं का संकेत देती है। जानकारों का कहना है कि जीडीपी से मार्केट कैप का ज्यादा हो जाना इस बात का भी संकेत है कि भारतीय शेयर बाजार में आने वाले दिनों में सकारात्मक विकास की उम्मीद बनी हुई है।
Prashant Parihar
पत्रकार प्रशांत सिंह राष्ट्रीय - राज्य की खबरों की छोटी-बड़ी हलचलों पर लगातार निगाह रखने का प्रभार संभालने के साथ ही ट्रेंडिंग विषयों को भी बखूभी कवर करते हैं। राजनीतिक हलचलों पर पैनी निगाह रखने वाले प्रशांत विभिन्न विषयों पर रिपोर्टें भी तैयार करते हैं। वैसे तो बॉलीवुड से जुड़े विषयों पर उनकी विशेष रुचि है लेकिन राजनीतिक और अपराध से जुड़ी खबरों को कवर करना उन्हें पसंद है।