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FY 2022-23 में राजकोषीय घाटा GDP का 6.4 फीसदी रहा, जानिए क्या कहते हैं नए आंकड़े

लेखा महानियंत्रक ने कहा कि कुल मिलाकर राजकोषीय घाटा 17.33 लाख करोड़ रुपये रहा है

FY 2022-23 में राजकोषीय घाटा GDP का 6.4 फीसदी रहा, जानिए क्या कहते हैं नए आंकड़े
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नईदिल्ली/वेबडेस्क। केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा बीते वित्त वर्ष 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.4 फीसदी रहा। वित्त मंत्रालय के संशोधित अनुमान में भी राजकोषीय घाटा इतना ही रहने का लक्ष्य रखा गया था।

वित्त मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी है। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) ने 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2022-23 के राजस्व-व्यय का आंकड़ा जारी करते हुए कहा कि मूल्य के हिसाब से राजकोषीय घाटा 17,33,131 करोड़ रुपये (अस्थायी) रहा है। यह सरकार के लक्ष्य के अनुसार है। सीजीए ने जारी आंकड़ों में बताया कि राजस्व घाटा जीडीपी का 3.9 फीसदी रहा है। हालांकि प्रभावी राजस्व घाटा जीडीपी का 2.8 फीसदी रहा है। लेखा महानियंत्रक ने कहा कि कुल मिलाकर राजकोषीय घाटा 17.33 लाख करोड़ रुपये रहाहै।

  • वित्त वर्ष 2023 के लिए कुल प्राप्तियां 24.56 लाख करोड़ रुपये थीं, जबकि कुल व्यय 41.89 लाख करोड़ रुपये था।
  • वहीं, राजस्व प्राप्तियां 23.84 लाख करोड़ रुपये रही, जिसमें टैक्स रेवेन्यू 20.97 लाख करोड़ रुपये और नॉन टैक्स रेवेन्यू 2.86 लाख करोड़ रुपये रहा है।
  • टैक्स रेवेन्यू और नॉन टैक्स रेवेन्यू संशोधित अनुमानों का 100.5% और 109.3% था, जो कि एक साल पहले की अवधि में 102.2% और 116.4% से कम रहा है.
  • आंकड़ों से पता चलता है कि रेवेन्यू घाटा 10.69 लाख करोड़ रुपये या वित्त वर्ष के बजट लक्ष्य का 96.2% रहा है.
  • पिछले वित्तीय वर्ष के लिए राजस्व घाटा सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 3.9% रहा है. जबकि, प्रभावी राजस्व घाटा 2.8% रहा है।

सरकार बाजार से कर्ज लेती है -

कुछ अर्थशास्त्रियों का मत था कि विंडफॉल गेन टैक्स और बजट के ऊपर GST के कारण अतिरिक्त टैक्स रेवेन्यू राजकोषीय स्थिति को राहत प्रदान करेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को पेश केंद्रीय बजट 2023-24 में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 5.9 फीसदी पर सीमित करने का लक्ष्य रखा है। दरअसल, सरकार अपने राजकोषीय घाटे को पाटने के लिए बाजार से कर्ज लेती है।

Updated : 14 Jun 2023 9:55 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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