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वित्तमंत्री सीतारमण का एमएसएमई को 3 लाख करोड़ का लोन, 15 हजार से कम सैलरी वालों को सहायता

वित्तमंत्री सीतारमण का एमएसएमई को 3 लाख करोड़ का लोन, 15 हजार से कम सैलरी वालों को सहायता
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नईदिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक दिन पहले घोषित किए गए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की जानकारी दी। उन्होंने कहा की पैकेज का ऐलान आत्मनिर्भर भारत के विजन को ध्यान में रखते हुए किया गया है। इसके पांच स्तंभ इकोनॉमी, इन्फ्रास्ट्रक्चर, सिस्टम, डेमोग्राफी और डिमांड हैं।उन्होंने कहा की "आत्मनिर्भर भारत का मतलब यह कतई नहीं है कि हम पृथकतावादी सोच रखते हैं। हमारा फोकस लोकल ब्रांड को ग्लोबल बनाना है।' "आत्मनिर्भर भारत के लिए कई कदम उठाए गए। किसानों, कामगारों, मजदूरों के अकाउंट में सीधे पैसे डाले गए, जो एक तरह से अपने आप में क्रांति थी।'

20 लाख करोड़ का पैकेज -

क साल तक नहीं चुकाना होगा कर्ज: सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को दिए गए कर्ज पर एक साल तक ईएमआई की भी छूट रहेगी। यह कर्ज 4 सालों की अवधि के लिए दिया जाएगा। इस पर किसी भी तरह की गारंटी की जरूरत नहीं होगी। कर्ज के संकट में फंसे लघु उद्योगों के लिए 20,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इससे 2 लाख यूनिट्स को फायदा मिलेगा।

1 एमएसएमई को 3 लाख करोड़ का लोन

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को लोन 4 साल के लिए और 100 फीसदी गारंटी फ्री है। उन उद्योगों को मिलेगा, जिनका बकाया लोन 25 करोड़ से कम हो और टर्नओवर 100 करोड़ से ज्यादा ना हो। 10 महीने तक लोन चुकाने में छूट मिलती रहेगी। 31 अक्टूबर 2020 तक ही इस लोन के लिए अप्लाई किया जा सकेगा। इस लोन के लिए किसी भी तरह का अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। इससे 45 लाख एमएसएमई को मिलेगा फायदा।

50 हजार करोड़ का फंड ऑफ फंड बनेगा-

MSME के लिए 50,000 करोड़ रुपये का फंड तैयार किया जाएगा। इसके जरिए लघु उद्योगों को विस्तार के लिए मदद दी जाएगी। इससे वे मार्केट में भी लिस्ट हो पाएंगे। एमएसएमई के लिए 50 हजार करोड़ का फंड ऑफ फंड बनेगा। सभी छोटे उद्योगों को शामिल किया जाएगा। माइक्रो इंडस्ट्री के लिए 25 लाख से बढ़ाकर निवेश एक करोड़ किया गया। स्माल इंडस्ट्री के लिए 10 करोड़ तक का निवेश और 50 करोड़ तक का कारोबार, मध्यम के लिए 20 करोड़ निवेश और 100 करोड़ के कारोबार को मंजूरी। लोकल उद्योगों को ग्लोबल करने के लिए 200 करोड़ रुपए से कम के ग्लोबल टेंडर के नियम को खत्म कर दिया गया यानी अब 200 करोड़ रुपए से कम का कोई टेंडर नहीं होगा। आंशिक ऋण गारंटी योजाना में 45 लाख करोड़ रुपए का प्रावधन किया जाएगा। इसमें सरकार को 20 फीसदी का नुकसान होगा। इससे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों और आम आदमी को लोन देने में सहूलियत होगी।

गैर बैंकिंग सेवाओं के 30 हजार करोड़ रुपए-

एनबीएफसी की समस्याओं को दूर करने के लिए 30 हजार करोड़ रुपए की स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम शुरू होगी। इसके साथ हाउसिंग और माइक्रो फाइनेंस को भी जोड़ा गया है। जिसकी पूरी गारंटी भारत सरकार देगी। इसके अलावा 45,000 करोड़ रुपए की आंशिक क्रेडिट गारंटी एनबीएफसी को दी जाएगी। इसमें एए पेपर्स और इसके नीचे के रेटिंग वाले पेपर्स को भी कर्ज मिलेगा। अनरेटेड पेपर्स के लिए भी इसमें प्रावधान किया गया है। इससे नई लेंडिंग को बढ़ावा मिलेगा।

पावर जनरेटिंग कंपनियों को 90 हजार करोड़ रुपए-

राज्यों की पावर जनरेटिंग कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए 90,000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। लॉकडाउन की वजह से बिजली वितरण कंपनियों की आय में बहुत कमी आई है।बिजली उत्पादन और वितरण करनेवाली कंपनियों के लिए 90 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यह राशि सरकारी कंपनियों पीएफसी, आरईसी के माध्यम से दिया जाएगा। साथ ही कॉन्ट्रैक्टर को 6 महीने की राहत बिना किसी शर्त के दी जाएगी।

सरकारी ठेकेदारों को राहत-

सभी सरकारी एजेंसियां जैसे रेलवे, रोडवेज कॉन्ट्रैक्ट में 6 महीने का एक्सटेंशन देंगी। इन 6 महीनों के दौरान कॉन्ट्रैक्टर को बिना किसी शर्त के राहत दी जाएगी। कॉन्ट्रैक्टर जो आंशिक सिक्योरिटीज देते थे, उसे वापस किया जाएगा। जितना काम होगा, उस आधार पर यह गारंटी रिलीज की जा सकती है।

कंपनियां पीएफ में हिस्सेदारी 12% की जगह 10% तक कर सकेंगी-

सभी फर्म और कंपनियां जहां 100 से कम कर्मचारी काम करते हैं और उनकी सैलरी 15 हजार से कम है, तो उनके पीएफ का पैसा सरकार देगी। ऐसे कर्मचारियों की सैलरी का 24% हिस्सा सरकार उनके पीएफ में जमा करेगी। अब कंपनियां कर्मचारियों के पीएफ में अपना हिस्सा 12% की जगह 10% तक कर सकेंगी। सरकार ने ईपीएफ कंट्रीब्यूशन को तीन महीने के लिए आगे बढ़ाया, अब अगस्त तक ईपीएफ में सरकार मदद करेगी। सरकार 70.22 लाख कर्मचारियों की मदद के लिए 2,500 करोड़ रुपए खर्च करेगी।

टीडीएस रेट में 25% की कमी-

टीडीएस की दरों में 25% की कमी की जाएगी। यह सभी भुगतानों पर लागू होगा चाहे वह कमीशन हो, ब्रोकरेज हो या कोई अन्य पेमेंट। यह कमी 13 मई से लागू होगी और मार्च 2021 तक जारी रहेगी। टीडीएस कटौती से 55 हजार करोड़ रुपए का लाभ होगा। जिनके भी रिफंड लंबित हैं, उन्हें जल्द से जल्द भुगतान किया जाएगा। छोटे उद्योग हों, पार्टनरशिप वाले उद्योग हों, एलएलपी हों, या कोई अन्य उद्योग, सभी को जल्द से जल्द भुगतान होगा। रिफंड की गति को तेज किया जाएगा। टैक्स ऑडिट अब अक्टूबर से आगे बढेगा। अब 30 नवंबर तक आयकर रिटर्न भरा जा सकता है।

डिमांड और सप्लाई चेन में समन्वय पर फोकस- अनुराग ठाकुर

केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा- कोविड-19 के तहत प्रधानमंत्री ने पहला कदम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण के तहत उठाया जो 1.70 लाख करोड़ रुपए का था। आरबीआई के जरिए लिक्विडिटी दी गई। भारत दुनिया भर के देशों में की तुलना में कोविड से बेहतर तरीके से लड़ रहा है। हम इस पर गहराई से विचार कर रहे हैं कि डिमांड और सप्लाई की चेन में समन्वय बना रहे।





Updated : 14 May 2020 7:57 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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