Home > अर्थव्यवस्था > भ्रामक विज्ञापनों से हो रहा उपभोताओं का शोषण

भ्रामक विज्ञापनों से हो रहा उपभोताओं का शोषण

प्रचार करना अभिनेता-अभिनेत्रियों, खिलाडिय़ों के व्यवसाय का हिस्सा हो सकता है, उन्हें नैतिक जिम्मेदारियों का ध्यान रखना जरुरी

भ्रामक विज्ञापनों से हो रहा उपभोताओं का शोषण
X

वेब डेस्क। भारतीय विज्ञापन इंडस्ट्री विश्व भर में तेजी से बढ़ता बाजार बन रहा है। इस वर्ष 2022 में इंडस्ट्री की आय में 16 प्रतिशत की बढ़ोतरी का अनुमान है। डेंटसु ग्लोबल की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल भारतीय विज्ञापन उद्योग की आय 16 फीसदी बढक़र 1110 करोड़ डॉलर (88,639 करोड़ रुपये) पर पहुंच सकती है। इन आंकड़ों से आसानी से समझा जा सकता है की आपकी मेहनत की गाढ़ी कमाई का एक बड़ा हिस्सा , आप उत्पाद खरीदने के नाम पर, इसके विज्ञापन बनाने वाले को भी दे रहे होते है। योंकि कोई भी उत्पादक, विज्ञापन और प्रचार पर आने वाले व्यय को पहले ही अपने उत्पाद की कीमत में जोड़ कर चलता है। बड़ी-बड़ी सेलिब्रेटी (फिल्म और खेल जगत के सितारे) जो आपको आपके टॉयलेट लीनर से लेकर आपके लिए उच्च ब्रांड के कपड़ों, जूतों, गहने आदि का विज्ञापन करते नजर आते हैं, वे इस एटिंग का अच्छा खासा पैसा, उत्पादक और सामान निर्माण के उद्योगों से विज्ञापन एजेंसियों के द्वारा लेते हैं। कुछ उत्पादक ऐसे भी हैं या रहे हैं, जो अपने उत्पाद के स्वयं ब्रांड एंबेसडर हैं या रहे हैं।

पिछले कुछ समय पहले तक, उत्पादक से लेकर विज्ञापन एजेंसी और विज्ञापन में उत्पाद खरीदने की पैरवी करते सितारों में से , कोई भी उत्पाद की गुणवाा और उत्पाद सुरक्षित है या नहीं , के लिए कोई जिम्मेदार नहीं होता था। परंतु हाल ही में सरकार ने इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाते हुए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ( सीसीपीए ) ने उपभोक्ताओं की रक्षा करने के उद्देश्य से 'भ्रामक विज्ञापन की रोकथाम और भ्रामक विज्ञापनों के अनुमोदन के लिए दिशा निर्देश - 2022 को अधिसूचित किया है। ये दिशा निर्देश, यह सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं कि उपभोक्ताओं को निराधार दावों, गलत सूचना और झूठे दावों के साथ मूर्ख नहीं बनाया जा रहा है। इस तरह के विज्ञापन उपभोक्ताओं के विभिन्न अधिकारों जैसे सूचित होने का अधिकार, चुनने का अधिकार और असुरक्षित उत्पादों के खिलाफ सुरक्षा के अधिकार का उल्लंघन करते हैं।

इन दिशा निर्देशों का उल्लंघंन करने पर जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। विज्ञापन करना, उत्पादों का प्रचार करना अभिनेता, अभिनेत्रियों और खिलाडिय़ों के व्यवसाय का एक हिस्सा हो सकता है, परंतु उन्हें अपनी नैतिक जिमेदारियों को भी ध्यान में रखना होगा। उन्हें समझना होगा कि वे प्रशंसकों के आदर्श है और उनके द्वारा जो कुछ भी, किसी उत्पाद के विषय में कहा जायेगा या दिखाया जायेगा , उनके प्रशंसक उसको पूरी गंभीरता से लेंगे और उसका अनुसरण करेंगे। ऐसे में यदि किसी ऐसे उत्पाद की सिफारिश कर दी गई , जो स्वास्थ्य की दृष्टि से ठीक नहीं है या स्थापित मानकों के अनुरूप नहीं है तो नि:संदेह ऐसे उत्पाद उपभोता के प्राणों पर भारी पड़ सकते है। किसी भी उत्पाद का विज्ञापन करने से पूर्व उस उत्पाद की पूरी जानकारी हासिल करने का प्रयास करना चाहिए। अब सरकार ने उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए सीसीपीए के माध्यम से दिशा निर्देश अधिसूचित कर दिए हैं, परंतु वास्तविक सफलता तभी मिलेगी, जब देश का उपभोता स्वयं अपने अधिकारों के प्रति जागरुक होगा।

Updated : 23 Nov 2022 10:11 AM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh News

Swadesh Digital contributor help bring you the latest article around you


Next Story
Top