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कूनो में दो माह में तीसरे चीते की मौत, आपसी लड़ाई में गई मादा चीता 'दक्षा' की जान

मादा चीता 'दक्षा' के शरीर में मिले घाव

कूनो में दो माह में तीसरे चीते की मौत, आपसी लड़ाई में गई मादा चीता दक्षा  की जान
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कूनो/वेबडेस्क। कूनो राष्ट्रीय उद्यान में मंगलवार को एक और मादा चीता की मौत हो गई। यह चीता साउथ अफ्रीका से लाई गई थी। मुख्य वन संरक्षक जेएस चौहान ने इसकी पुष्टि की है। दो माह में दक्षिण अफ्रीकी देशों से लाए गए चीतों में यह तीसरी मौत है। तीनों मौतों के बाद कूनो नेशनल पार्क में शुरू किए गए चीता प्रोजेक्ट को बड़ा झटका माना जा रहा है।

मुख्य वन संरक्षक जेएस चौहान ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका से कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ी गई मादा चीता 'दक्षा' मानीटरिंग दल को घायल अवस्था में मिली थी। पशु चिकित्सकों ने उसे उपचार दिया, लेकिन दोपहर 12 बजे उसकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि मादा चीता 'दक्षा' को बाड़ा क्रमांक एक में छोड़ा गया था। समीप के बाड़ा क्रमांक 7 में दक्षिण अफ्रीका से लाये गए चीता कोयलिशन वायु तथा अग्नि को छोड़ा गया था। मादा चीता दक्षा की मौत से पार्क प्रबंधन पर कई सवाल उठ रहे हैं।

दरअसल, सोमवार को केंद्रीय मंत्रालय ने जानकारी साझा की थी कि दक्षिण अफ्रीका से कूनो में बसाए गए सभी चीते स्वस्थ हैं। इनमें से पांच को जल्द ही खुली जगह में छोड़ा जाएगा। 'दक्षा' नाम की चीता को नामीबिया से लाया गया था। इसका पूर्व में नाम फिंडा था। उल्लेखनीय है कि दक्षा से पूर्व कूनो नेशनल पार्क में बसाए गए उदय और साशा चीता की भी मौत हो चुकी है।

मादा चीता 'दक्षा' के शरीर में मिले घाव -

बताया गया कि मादा चीता 'दक्षा' के शरीर पर घाव मिले हैं। इन घावों को देखकर यही आशंका जताई जा रही है कि संभवत: मेल से हिंसक इंटरेक्शन के दौरान यह घाव हुए हो। नर कोयलिशन चीता ने मेटिंग के दौरान मादा चीतों के साथ हिंसक व्यवहार किया होगा। मृत मादा चीता के शव का परीक्षण पशु चिकित्सक दल कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि पहली खेप में नामीबिया से आठ चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया गया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17 सितंबर 2022 को अपने जन्मदिन पर इन्हें बाड़े में रिलीज किया था। इसके बाद 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते कूनो लाए गए थे। इनमें से एक नर चीता उदय की कुछ दिन पहले ही मौत हुई थी। इस तरह कुल 20 चीतों में से तीन की मौत जाने पर अब 17 चीते कूनो नेशनल पार्क में बचे हैं। पहली खेप में नामीबिया से आई ज्वाला (पुराना नाम सियाया) ने हाल ही में चार शावकों को जन्म दिया था।

Updated : 9 May 2023 12:49 PM GMT
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स्वदेश डेस्क

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