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रिपब्लिक टीवी एडिटर अर्नब गोस्वामी को हाईकोर्ट से फिर नहीं मिली राहत, अब अंतरिम जमानत याचिका पर कल होगी सुनवाई

रिपब्लिक टीवी एडिटर अर्नब गोस्वामी को हाईकोर्ट से फिर नहीं मिली राहत, अब अंतरिम जमानत याचिका पर कल होगी सुनवाई
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मुंबई। आत्महत्या के लिए उकसाने के दो साल पुराने केस में गिरफ्तार रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को शुक्रवार को भी बॉम्बे हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। हाईकोर्ट अर्नब की याचिका पर अब कल (शनिवार) दोपहर 12 बजे सुनवाई करेगा। हाईकोर्ट ने अर्नब के वकील को सलाह दी कि वह जमानत याचिका दाखिल करें ताकि चीफ जस्टिस वह केस डिवीजन बेंच को एलॉट कर सकें।

हाईकोर्ट ने कहा है कि बिना सबको सुने आदेश नहीं देंगे। हाईकोर्ट ने पहले 11 बजे का समय दिया था लेकिन अर्नब गोस्वाकी मे वकील हरीश साल्वे ने कहा कि वह लंदन में है जो 5.30 घंटा पीछे है। इसकी वजह से सुनवाई 11 की जगह 12 बजे होगी।

अर्नब गोस्वामी ने अपनी गिरफ्तारी को 'गैरकानूनी' बताते हुए बंबई उच्च न्यायालय में इसके खिलाफ एक याचिका दायर की। उन्होंने जांच पर रोक लगाने, पुलिस को उन्हें रिहा करने और उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का निर्देश देने अनुरोध किया है। न्यायमूर्ति एस.एस. शिंदे और न्यायमूर्ति एम.एस. कार्णिक की एक खंडपीठ ने गोस्वामी को इस मामले की शिकायतकर्ता अन्वय नाइक की विधवा अक्षता नाइक को प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया।

पीठ ने कहा, 'मांगी गई अंतरिम राहत पर विचार करने से पहले हमें सभी संबंधित पक्षों को सुनना होगा। हमें शिकायतकर्ता की भी सुननी होगी क्योंकि मृतक के परिवार ने जांच को स्थानांतरित करने की याचिका दायर की है।' अदालत ने कहा, 'प्रतिवादी (महाराष्ट्र सरकार और शिकायतकर्ता) जवाब देने के हकदार हैं... हम मांगी गई अंतरिम राहत पर कल गौर करेंगे।'

अर्बन गोस्वामी के वकील आबाद पोंडा ने कहा कि अलीबाग की अदालत में दिया गया जमानत आवेदन वापस ले लिया गया है। उन्होंने कहा, ' मजिस्ट्रेट ने यह स्पष्ट रूप से नहीं कहा कि कब जमानत आवेदन पर सुनवाई होगी और उन्होंने इस पर सुनवाई में भी कठिनाई प्रकट की क्योंकि यह मामला सत्र अदालत के क्षेत्राधिकार में है।' पोंडा ने कहा, 'इसलिए हम यहां उच्च न्यायालय में अंतरिम जमानत का अनुरोध कर रहे हैं।'

अर्नब गोस्वामी की ओर पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने दलील दी कि यदि उनके मुवक्किल को रिहा कर दिया जाता है तो अभियोजन को कोई नुकसान नहीं होगा। हालांकि, उच्च न्यायालय ने कहा कि वह प्रतिवादियों को दलील पेश करने का मौका दिये बगैर जमानत के मुद्दे पर विचार नहीं कर सकता। पोंडा ने भी दलील दी कि पुलिस ने बंद किये जा चुके मामले को खोला है जिसमें क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गयी थी और उसे रायगढ़ जिले के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 16 अप्रैल, 2019 को स्वीकार कर लिया था।

अर्नब पर 2018 में एक अन्वय नाइक और उनकी मां को खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप है। अर्नब गोस्वामी को आर्किटेक्ट एवं इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां को कथित रूप से आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में मुम्बई के लोअर परेल स्थित उनके घर से बुधवार को गिरफ्तार किया गया था और पड़ोसी रायगढ़ जिले के अलीबाग थाने ले जाया गया था। इसके बाद उन्हें अलीबाग की एक अदालत में पेश किया गया था, जिसने उन्हें 18 नवम्बर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

Updated : 6 Nov 2020 3:15 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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