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तिब्बती जवान के अंतिम संस्कार में शामिल होकर राम माधव ने चीन को दिया कड़ा संदेश

तिब्बती जवान के अंतिम संस्कार में शामिल होकर राम माधव ने चीन को दिया कड़ा संदेश
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नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच महीनों से जारी सीमा गतिरोध के बीच बीजेपी के महासचिव राम माधव सोमवार को स्पेशल फ्रंटियर फोर्स के तिब्बती सैनिक नीमा तेंजिन के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। राम माधव ने अंतिम संस्कार में शामिल होकर चीन को कड़ा संदेश दिया। राम माधव के साथ बीजेपी के सांसद सेरिंग नामग्याल ने भी जवान नीमा तेंजिन के अंतिम संस्कार में भाग लिया। नीमा को पूरे सम्मान के साथ सुबह 7:30 पर अंतिम विदाई दी गई। अंतिम संस्कार में शामिल होने के बाद राम माधव वापस दिल्ली लौट गए।

बीजेपी महासचिव ने अंतिम संस्कार की कुछ तस्वीरें भी अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट की थीं, लेकिन बाद में उन्हें डिलीट कर दिया। माधव ने ट्वीट किया, 'एसएफएफ के नीमा तेंजिन के अंतिम संस्कार में शामिल हुआ। तिब्बती जवान ने अपना जीवन लद्दाख में सीमा की रक्षा के लिए समर्पित कर दिया। यहां उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। बहादुर सैनिक की शहादत भारत-तिब्बत सीमा पर शांति लेकर आए। यही सभी शहीदों को वास्तविक श्रद्धांजलि होगी।'

एक स्थानीय शख्स ने कहा कि अंतिम संस्कार में राम माधव का शामिल होना पहले से तय नहीं था। इस वजह से मीडिया को जानकारी नहीं दी गई थी और मीडिया इसे कवर नहीं कर सका। वहीं, नामग्याल के सचिव ने बताया कि राम माधव रविवार को लेह आए थे, जहां पर उन्हें बीजेपी की लेह यूनिट की कार्यकारी बैठक में शामिल होना था। बीजेपी सांसद नामग्याल ने रविवार को ट्वीट किया, 'माननीय महासचिव लेह के बीजेपी हेडक्वार्टर आए हैं। यहां वे पहली कार्यकारी बैठक में हिस्सा लेंगे।'

राम माधव ने चीन को दिया कड़ा संदेश

नीमा तेंजिन के अंतिम संस्कार में शामिल होकर राम माधव ने चीन को कड़ा संदेश दिया है। वरिष्ठ पत्रकार और जम्मू कश्मीर व लेह, लद्दाख पर नजर रखने वाले जफर चौधरी का कहना है कि माधव की अंतिम संस्कार में मौजूदगी और ट्वीट में उनके द्वारा लिखे गए शब्द साफ संदेश देते हैं कि भारत तिब्बत को विवादित क्षेत्र के रूप में देखता है। उन्होंने 'भारत-चीन सीमा' की बजाए 'भारत-तिब्बत सीमा' पर शांति की इच्छा का जिक्र किया। हालांकि, माधव के इस ट्वीट को हटाने का फैसला यह भी बताता है कि पार्टी या फिर सरकार चीन को इस तरह संदेश दिए जाने के पक्ष में राम माधव के साथ पूरी तरह साथ नहीं है।' वहीं, एक रिटायर्ड आर्मी जनरल ने कहा कि हम लोग चीन के साथ आमने-सामने की स्थिति में हैं और राम माधव द्वारा तिब्बती जवान के अंतिम संस्कार में शामिल होना चीन को साफ संदेश है कि भारत तिब्बत के साथ है।

Updated : 7 Sep 2020 2:04 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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