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तेजस की तकनीक से बनेगी ऑक्सीजन, 1 मिनट में 1 हजार लीटर का होगा उत्पादन

तेजस की तकनीक से बनेगी ऑक्सीजन, 1 मिनट में 1 हजार लीटर का होगा उत्पादन
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नईदिल्ली। देश में जारी कोरोना की दूसरी लहर के बीच सभी राज्यों में ओक्सिजन की किल्ल्त सामने आई है। दिल्ली सहित कई राज्य अधिक ऑक्सीजन की मांग कर रहें है। हर तरफ इस समय ऑक्‍सीजन की कमी से त्राहि-त्राहि मची हुई है। विपदा की इस घड़ी में सरकार ने ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए नया तरीका खोजा है। इसमें रक्षा तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। इसके तहत भारत के पहले हल्के लड़ाकू विमान तेजस में उड़ते हुए ऑक्सीजन बनाने की तकनीक का उपयोग किया जाएगा।

इस तकनीक को ऑन बोर्ड ऑक्‍सीजन जनरेशन सिस्‍टम कहा जाता है। बताया जा रहा है की इसतकनीक के माध्यम से 1 मिनट में 1 हजार लीटर ऑक्सीजन का उत्‍पादन किया जा सकता है। अब तक इसका उपयोग रक्षा क्षेत्र के लिए ही किया जाता रहा है। अब आपदा की इस घड़ी में आम लोगों के लिए उपलब्ध कराई जा रही है। DRDO के अनुसार ऑन बोर्ड ऑक्‍सीजन जनरेशन सिस्‍टम (OBGS ) एक लाइफसपोर्ट सिस्टम है, जो अधिक ऊंचाई पर विमान में ऑक्सीजन की आपूर्ति करता है। इसके तहत विमान के इंजन से निकलने वाली हवा को प्रेशर स्विंग एडसॉरप्‍शन क्‍नोलॉजी की मदद से अलग किया जाता है। इस सिस्‍टम में दो मॉलिक्युलर सिव की दो पर्त ऑक्‍सीजन के सातह होती है। इन्हीं की मदद से विमान में ऑक्सीजन की अप्लाई की जाती है।

उप्र सरकार ने दिया ऑर्डर -

रक्षा मंत्री ने मंगलवार को डीआरडीओ के साथ हुई हुई एक बैठक में इस तकनीक को प्राइवेट इंडस्‍ट्री को सौंप दिया। जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने इस तरहके 5 प्लांट्स के लिए ऑर्डर भी दे दिए हैं. ये प्लांट उस तकनीक पर काम करते हैं, जिससे तेजस विमान में उड़ते हुए ऑक्सीजन बनाई जाती है। इस बैठक में डीआरडीओ के चेयरमैन डॉक्टर जी सतीश रेड्डी ने कहा कि इंडस्ट्री जरूरत के अनुसार और भी प्लांट उपलब्ध करा सकती है ताकि अधिक से अधिक अस्पतालों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जा सकें।





Updated : 12 Oct 2021 10:45 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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