मोदी सरकार ने किसानों को बड़े चक्रव्यूह से बाहर निकाला है : प्रो. राकेश सिन्हा
X
स्वदेश वेब डेस्क। राज्यसभा सदस्य प्रो. राकेश सिन्हा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसानों के हित के लिए हमेशा से सोचते रहे हैं। उन्होंने कृषि सुधार कानून लाकर किसानों को एक बड़े चक्रव्यूह से बाहर निकाला है। चल रहे किसान आंदोलन को लेकर उन्होंने कहा कि किसानों को अधमरा रखकर ही उन्हें खेत बेचने, सेठ साहूकार से शादी, श्राद्ध में ऊंचे ब्याज पर कर्ज लेने, जमीन दूसरों को लीज पर देने के लिए बाध्य किया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों को इस चक्रव्यूह से निकाला है तो किसानों का हक मारने वाले कैसे शांत रह सकते हैं।
प्रो. राकेश सिन्हा ने कहा कि देश में लगभग 12 करोड़ लघु, सीमांत और मध्यम किसान हैं। वे कृषि सुधार कानून से सशक्त होंगे। मोदी सरकार के इस कदम ने अघोषित रूप से कृषि को उद्योग का दर्जा दिया है। कोई इस प्रश्न पर प्रतिकार करने की क्षमता रखता है? अंग्रेजी शासन में हमारी कृषि पद्धति और किसानों का जीवन खराब किया गया था। उसके बाद पहली बार किसी ने उनके हित में बात की है। चंद लोग जो पुराने कानूनों की खामियों का फायदा उठा रहे थे, इससे विचलित हो गए हैं और विभिन्न प्रकार से उसे खराब करना चाहते हैं। किसानों को यह बात समझनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस कृषि सुधार कानून से पंजाब के किसान देश के किसी भी हिस्से में अपना गेहूं बेच सकते हैं। देशभर के किसान जहां चाहे वहां जाकर अपना उत्पाद बेचकर सीधे एग्रो ट्रेडर्स बन सकते हैं। ऐसे कानून से किसी किसान को कोई आपत्ति नहीं होगी, आपत्ति है तो बिचौलियों के प्रतिनिधियों को। बाहर के इन्वेस्टमेंट को लाकर किसान खेती बढ़ा सकते हैं, सेठ साहूकार से बच सकते हैं। सरकार ने एमएसपी लागू किया है, जबकि एमएसपी कभी कानून नहीं रहा। किसानों को बाजार का हिस्सा बनाकर रखा गया। सरकार बातचीत के लिए खुली हुई है, बातचीत का रास्ता खुला है तो फिर आपत्ति क्यों है।
Swadesh News
Swadesh Digital contributor help bring you the latest article around you