लॉकडाउन ने दिया भारत को 8 लाख करोड़ का झटका

नई दिल्ली।पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 24 मार्च को 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसकी अवधि मंगलवार यानी आज 14 अप्रैल को खत्म हो रही है। आज सुबह दस बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि व दो सप्ताह के लिए लॉकडाउन के दूसरे चरण का ऐलान कर सकते हैं। दुनिया के इस सबसे बड़े लॉकडाउन से देश की इकोनॉमी को 7-8 लाख करोड़ रुपये का झटका लगने का अनुमान है।
इस लॉकडाउन के दौरान अधिकतर कंपनियां बंद रहीं, उड़ान सेवाएं निलंबित रहीं और ट्रेनों के पहिए थमे रहे। वहीं, लोगों और वाहनों की आवाजाही भी बंद रही। कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान किया था। 25 मार्च से प्रभावी इस लॉकडाउन की वजह से भारत की 70 फीसद आर्थिक गतिविधियां थम गई हैं।
लॉकडाउन के दौरान केवल जरूरी सामान एवं कृषि, खनन, यूटिलिटी सेवाओं और कुछ वित्तीय एवं आइटी सेवाओं के परिचालन की ही अनुमति दी गई थी। सेंट्रम इंस्टीट्यूशनल रिसर्च ने कहा है कि भारत में महामारी ऐसे समय में आई है, जब देश की अर्थव्यवस्था में रिकवरी के संकेत नजर आ रहे थे। इस कोरोना की वजह से वित्त वर्ष 2020-21 में देश में एक बार फिर धीमी विकास दर की आशंका पैदा हो गई है।
Acuite Ratings & Research Ltd ने इससे पहले अनुमान जताया था कि लॉकडाउन की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था को हर दिन करीब 4.64 अरब डॉलर (35,000 करोड़ रुपये से अधिक) का नुकसान होगा। इस तरह देखा जाए तो 21 दिन के संपूर्ण लॉकडाउन की अवधि में जीडीपी को करीब 98 अरब डॉलर (7.5 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान होगा। इस महामारी से उपजे संकट की वजह से ट्रांसपोर्ट, होटल, रेस्तरां और रियल एस्टेट गतिविधियां सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 'देशभर में पूरी तरह लॉकडाउन से कम-से-कम सात से आठ लाख करोड़ रुपये का झटका लग सकता है।'
