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संवेदनहीन हुआ विपक्ष अब श्रमिक ट्रेनों में मौतों पर राजनीति

भम्रकारी खबरों को रेलवे ने बताया बेबुनियाद

संवेदनहीन हुआ विपक्ष अब श्रमिक ट्रेनों में मौतों पर राजनीति
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नई दिल्ली। कोरोना महामारी के दौरान विपक्ष नैतिकता खोकर लगातार संवेदनहीनता का परिचय देकर कोरोना के खिलाफ सरकार की ल?ाई को कमजोर बनाने का काम कर रहा है। इसके लिए विपक्ष श्रमिकों की मदद करने के बजाए उन्हें ही मुहरा बनाकर सरकार को बदनाम करने में लगा हुआ है। कभी ट्रेनों तो कभी बसों को लेकर सरकार को घेरने की काशिशें जारी हैं। गैर भाजपा शासित राज्य सरकारें कोरोना को काबू में तो कर न सकीं तो इस विफलता से ध्यान हटाने के लिए उन्होंने श्रमिक ट्रेनों में हो रही मौतों पर ही राजनीति शुरू कर दी है। इस भ्रमकारी अभियान में वामपंथी समर्थित मीडिया गिरोह भी शामिल हैंए जो मौतो को भूख प्यास से होना बताकर पाठकों के बीच भ्रम फैला रहे हैं।

उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अजीत कुमार सिंह ने ष्स्वदेशष् के साथ्ज्ञ बातचीत में कहा कि ट्रेनों में श्रमिकों की मौत भूख प्यास से बतायी जा रही खबरों को पूरी तरह से बेबुनियाद बताया है। उन्होंने बताया कि श्रमिक ट्रेनों में श्रमिकों के लिए भरपूर पानी व भोजन की व्यवस्था सुचारू रूप से की जा रही है। इसके लिएए उत्तर मध्य रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर लगभग 1240 ट्रेनों में उत्तर मध्य रेलवे और आईआरसीटी द्वारा 18 लाख से अधिक भोजन के पैकेट और पानी की बोतलें वितरित की जा चुकी हैं। अगर पूरे भारतीय रेलवे की बात करेंए तो एक करो? से अधिक भोजन के पैकेट व पानी की बोतले वितरित की गई हैं। यदि किसी भी श्रमिक का स्वास्थ्य खराब होता है तो उसे तुंरत इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है।

इसके इतरए मुजफ्फनगर में जिस महिला की मौत का कारण भूख प्यास से होना बताया जा रहा हैए उसका रेलवे की ओर खंडन किया गया है। रेलवे की ओर से जारी इस रिपोर्ट में बताया गया है कि उक्त महिला काफी दिनों से बीमार थी जिसके कारण उसकी मौत हुई। इसी तरह से एक और फर्जी खबर चार साल के बच्चे की मृत्यु को लेकर फैलाई गई। बताया गया कि चार साल के मोहम्मद इरशादए जो मुजफ्फरपुर से बेतिया के लिए ट्रेन में सवार हुआ थाए उसकी मौत रेलवे की ओर से लापरवाही बरतने के कारण हुई। जबकि रेलवे ने अपने स्पष्टीकरण में ये बताया कि बच्चा पहले से बीमार था और दिल्ली से इलाज के बाद लौटा था। अफवाह फैलाने वालों ने पोस्टमार्टम पोर्ट आने तक का इंतजार नहीं किया और रेल मंत्रालय को बदनाम करने के लिए अफवाह फैला दी। इसी प्रकार 27 मई 2020 को एक समाचार पत्र में एक रिपोर्ट में कहा गया कि श्रमिक ट्रेन में रेलवे की लापरवाही के कारण चार लोगों की मौत हो गई। इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि प्रवासी मजदूरों को श्रमिक एक्सप्रेस में भोजन व पानी नहीं मिला। जबकि रेलवे की ओर से जो सच्चाई बतायी गईए वह मौते बीमारी के कारण हुई है

Updated : 3 Jun 2020 1:06 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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