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भारत ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर तैनात की बोफोर्स तोपें

- आपातकालीन स्थिति में ​​लड़ाकू विमान ​उतारने के लिए हवाई पट्टी का निर्माण शुरू

भारत ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर तैनात की बोफोर्स तोपें
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​नई दिल्ली​​​​।​ ​​कारगिल जंग के दौरान ​पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ाने वाली बोफोर्स तोपों की ​​पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (​​​​एलएसी) पर​ तैनाती से संकेत मिलते हैं कि इस बार भारत चीन के किसी भी दबाव में नहीं आने वाला है​​। ​गलवान घा​​टी से चीन की सेना भले ही 2 किलोमीटर पीछे चली गई हो लेकिन पैंगोंग सो झील के फिंगर ​4 क्षेत्र में चीनी सैनिक अभी ​​भी जमे हुए हैं। ​​चीन के इतनी आसानी से पीछे हट जाने के पीछे भी उसकी कोई गहरी ​चाल मानकर भारत भी ​​​अपनी तैयारियों में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहता​​।​ ​​इसी के साथ ही अनंतनाग में ​​हवाई पट्टी का निर्माण चीन की किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए भारत की पुख्ता तैयारियों की तरफ इशारा है​। ​​

भारतीय सेना और चीनी सेना (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी- पीएलए) के बीच छह दौर की वार्ता नाकाम होने के बाद ​2 जून को हुई डिवीजनल कमांडर स्तर की बातचीत भी बेनतीजा रही। अब पूर्वी लद्दाख में ब्रिगेडियर स्तर की अगली बैठक 6 जून को तय की गई है।​ लगातार वार्ता नाकाम होते देख सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि चीन बातचीत के बहाने समय ले रहा है और अन्दर ही अन्दर अपनी तैयारियां करने में जुटा है​​।​ ​रक्षामंत्री ​राजनाथ सिंह ने ​उम्मीद जताई कि 6 जून को फिर दोनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर होने वाली बातचीत में विवाद का कुछ न कुछ हल जरूर निकलेगा​​।​ ​इस बैठक में दोनों सेनाओं के लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारी हिस्सा लेंगे​​​​।​ ​इस ​बैठक को भारत की तरफ से लेह स्थित 14 कॉर्प कमांडर का डेलीगेशन लीड करेगा​​​​।

इससे पहले ही ​लद्दाख की गलवान घाटी में चीन की सेनाएं करीब 2 किलोमीटर पीछे हट गई हैं​​​।​ इसके बाद भारत के सैनिक भी पीछे हटे जरूर हैं लेकिन पूरी तरह सतर्क हैं​।​ ​यहां के फिंगर फोर इलाके में कई हफ्ते से दोनों देशों की ​सेनाएं एक दूसरे के सामने डटी हुई ​थीं​​​।​ ​​चीन भले ही गलवान घाटी से पीछे हट गया हो लेकिन उसने पैंगोंग सो झील के किनारे अपने नियंत्रण वाले इलाके में तोप और भारी हथियार जमा कर रखे हैं​​​​​​।​ इसी से सतर्क भारत ने ​लद्दाख में​ बोफोर्स तोपें तैनात ​कर दी हैं​​​।​ बोफोर्स तोप की काबिलियत से देश अच्छी तरह वाकिफ है। कारगिल जंग के दौरान बोफोर्स ने पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ा दिए थे​​।​

​इसके अलावा ​भारत ने ​एलएसी के नजदीक ​​दो दिन पहले​ ​​3 किलोमीटर​ लम्बी एक हवाई पट्टी का निर्माण बहुत तेजी से ​शुरू कर दिया है​​​​​​।​ ​इस हवाई पट्टी का निर्माण ​​अनंतनाग के नजदीक नेशनल हाइवे​-​44 पर किया जा रहा है ताकि ​आपातकालीन स्थिति में ​यहां ​लड़ाकू विमानों को उतारा जा सके​​।​ देश में लॉकडाउन लागू ​होने के बावजूद इस हवाई पट्टी के ​महत्व को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने निर्माण से सम्बंधित सभी मंजूरी तुरंत जारी कर दी​ है​​​​​​​।​ ​इसके अलावा सीमाई इलाके में सड़क निर्माण भी काफी तेजी से किया जा रहा है​​। ​​पिछले दिनों​ ​एलएसी​ ​के आसपास चीन के लड़ाकू विमान देखे ​जाने ​के बाद भारत ने भी लद्दाख में सुखोई लड़ाकू विमान तैनात कर ​दिए थे​। अब किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए ​​अनंतनाग में हवाई पट्टी का निर्माण चीन ​के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए भारत की​ पुख्ता तैयारियों की तरफ इशारा है​​।

Updated : 4 Jun 2020 1:18 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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