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धीरे-धीरे सिमट रहा 110 एकड़ में फैला चंदन वन
इस पहाड़ी के पास ही मावली माता का मंदिर भी है और इस छोटी पहाड़ी में चंदन के करीब पांच सौ से अधिक छोटे-बड़े वृक्ष लगे हुये हैं।
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जगदलपुर । बस्तर में चंदन वृक्षों का भी वन है और यह 110 एकड़ में विस्तारित है तो सहसा ही आश्चर्य होगा लेकिन यह सच है और बस्तर के मुख्यालय जगदलपुर से मात्र 20-22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित तोकापाल के पास स्थित बड़े आरापुर के पास स्थित है। इस चंदन वन को सुरक्षित रखने तथा इसकी देखभाल करने के लिये वन विभाग चौकस हुआ है और विभाग ने 12 लाख से अधिक राशि की एक योजना बनाकर इस पर कार्य करने के लिये अपनी रूचि दिखाई है।
उल्लेखनीय है कि तोकापाल के पास स्थित ग्राम बड़े आरापुर में यह चंदन का वन करीब 110 एकड़ में विस्तारित है और यह आरापुर गांव से केवल एक किमी दूर यहां के डोंगरी पारा में स्थित है। इस पहाड़ी के पास ही मावली माता का मंदिर भी है और इस छोटी पहाड़ी में चंदन के करीब पांच सौ से अधिक छोटे-बड़े वृक्ष लगे हुये हैं। जानकारी के अनुसार इसके पहले इन वृक्षों की संख्या बहुत अधिक थी। लेकिन चंदन की लकड़ी के मूल्यों में लगातार वृद्धि से तस्करों की नजर इस वन में पड़ी और पिछले कई वर्षो से इसकी अवैध कटाई भी तस्करों ने कर चंदन के इस महत्वपूर्ण वन को अत्यधिक नुकसान पहुंचाया। जिससे अब केवल पांच सौ वृक्ष ही शेष बचे हैं। इनके संरक्षण के लिये लगातार ग्रामीणों सहित अन्य पर्यावरण विदों आवाज उठ रही थी। लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया। अब चूंकि वन विभाग ने इस पर ध्यान दिया है तो आशा की जा रही है कि पर्यावरण व धार्मिक दृष्टि से आवश्यक इस वन को सुरक्षित तरीके से रखा जा सकेगा तथा इसका संवर्धन होगा।