कृषि कानून पर किसानों के बीच सिर्फ भ्रम फैलाया जा रहा है : प्रधानमंत्री मोदी

कृषि कानून पर किसानों के बीच सिर्फ भ्रम फैलाया जा रहा है : प्रधानमंत्री मोदी

वाराणसी। पीएम नरेंद्र मोदी ने किसान आंदोलन के बीच आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में किसानों को खास तौर पर याद किया। पीएम ने अपने संबोधन में काशी के किसानों को अन्नदाता बताते हुए उन्हें नमस्कार किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को बिना नाम लिए विपक्षी दलों पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि दशकों तक किसानों के साथ छल करने वाले आज किसानों के बीच भ्रम और आशंका फैला रहे हैं। लेकिन, केन्द्र सरकार के पिछले छह साल के ट्रैक रिकार्ड के आधार पर भ्रम फैलाने वालों का झूठ देश के सामने आ रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि दशकों तक किसानों के साथ छल हुआ है और अब ऐसा करने वाले ही देश के अन्नदाताओं में भ्रम फैला रहे हैं। पीएम ने अपने भाषण में किसानों के हर सवाल का जवाब देने की कोशिश की।

प्रधानमंत्री अपने संसदीय क्षेत्र के खजुरी गांव में एनएच-19 के छह लेन चौड़ीकरण प्रोजेक्ट के लोकार्पण के बाद सभा को संबोधित किया। वह यहां देवदीपावली महोत्सव में शामिल हुए। खजुरी में 42 मिनट के संबोधन में पीएम ने कहा कि सरकारें फैसले लेती हैं। उनका विरोध होता है। फैसलों पर कुछ सवाल उठाए जाते हैं। यह लोकतंत्र में स्वाभाविक है लेकिन इधर बीच विरोध का नया 'ट्रेंड' दिख रहा है।

>> सरकार तो मंडियों को और आधुनिक बनाने के लिए करोड़ो रुपये खर्च कर रही है। MSP पर किसानों की उपज बेची जा रही है।

>> अगर कोई पुराने सिस्टम से लेनदेन को उचित समझता है तो इस कानून में कोई रोक नहीं लगाई है। नए कृषि सुधारों से नए विकल्प और किसानों कानूनी संरक्षण दिए गए हैं।

>> पहले मंडी के बाहर हुए लेन-देन ही गैरकानूनी थे। ऐसे में छोटे किसानों के साथ धोखा होता था, विवाद होता था। अब छोटा किसान भी, मंडी से बाहर हुए हर सौदे को लेकर कानूनी कार्यवाही कर सकता है।

>> किसान को अब नए विकल्प भी मिले हैं और धोखे से कानूनी संरक्षण भी मिला है। भारत के कृषि उत्पाद पूरी दुनिया में मशहूर हैं। क्या किसान की इस बड़े मार्केट और ज्यादा दाम तक पहुंच नहीं होनी चाहिए?

>> अगर किसान को ऐसा कोई खरीददार मिल जाए, जो सीधा खेत से फसल उठाए और बेहतर दाम दे, तो क्या किसान को उसकी उपज बेचने की आजादी मिलनी चाहिए या नहीं?

उन्होंने आगे कहा कि देश के इतिहास में पहली बार किसान रेल शुरू की गई है। इन प्रयासों से किसानों को नए बाजार मिल रहे हैं, बड़े शहरों तक उनकी पहुंच बढ़ रही है। उनकी आय पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वाराणसी में पेरिशेबल कार्गो सेंटर बनने के कारण अब यहां के किसानों को अब फल और सब्जियों को स्टोर करके रखने और उन्हें आसानी से बेचने की बहुत बड़ी सुविधा मिली है। इस स्टोरेज कैपेसिटी के कारण पहली बार यहां के किसानों की उपज बड़ी मात्रा में निर्यात हो रही है।

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