Home > देश > 2024 को स्वामी दयानंद के जन्मशताब्दी वर्ष के रूप में मनाना चाहिए

2024 को स्वामी दयानंद के जन्मशताब्दी वर्ष के रूप में मनाना चाहिए

2024 को स्वामी दयानंद के जन्मशताब्दी वर्ष के रूप में मनाना चाहिए
X

नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार यहां अंतरराष्ट्रीय आर्य सम्मेलन में कहा कि स्वामी दयानंद की 200वीं जयंती को राष्ट्रीय स्तर पर धूमधाम से मनाया जाना चाहिए। 2024 में आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद की जयंती के 200 वर्ष पूरे हो रहे हैं।

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वर्ण जयंती पार्क में आयोजित चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय आर्य सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि वह प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी से इस विषय में चर्चा करेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री के कार्य और मनोभावों का हवाला देते हुए विश्वास के साथ कहा कि प्रधानमंत्री 2024 को जन्मशताब्दी वर्ष के रूप में मनाने के आग्रह को स्वीकार करेंगे।

देशवासियों के पाश्चात्य सभ्यता के आकर्षण पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति में प्राचीनता के साथ-साथ आधुनिकता भी है। इसके आधुनिकीकरण की आवश्यकता नहीं है। यह संस्कृति विश्व की श्रेष्ठतम संस्कृति है। उन्होंने फ्रांस की क्रांति में अहम भूमिका निभाने वाले एम वाल्टेयर के कथन का उल्लेख करते हुए कहा कि इस धरा पर जो भी ज्ञान आया है, वह गंगा के किनारे से आया है। सिंह ने कहा कि दुनिया के विद्धान भी इस सच्चाई को मानते हैं लेकिन हम तथाकथित आधुनिकीकरण की ओर भाग रहे हैं।

राजनाथ ने कहा कि भारत के वेदों का ज्ञान-विज्ञान आज भी दुनिया के पास नहीं है। पाइथागोरस प्रमेय असल में भारत के महर्षि बोधायन की देन है। उन्होंने पाइथागोरस से 800 साल पहले यह अवधारणा दी थी। इसी तरह द्विघातीय समीकरण और अनिश्चितता का सिद्धांत भी भारत की ही देन है।

उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन को देखकर लगात है कि कृण्वन्तो विश्वमार्यम् का वैदिक संदेश देने वाला कितना महान रहा होगा। कृण्वन्तो विश्वमार्यम् आर्य समाज का आदर्श वाक्य है। इसका अर्थ है विश्व को आर्य बनाते चलो। स्वामी का यह संदेश केवल भारत तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए बल्कि यह सारे विश्व तक जाना चाहिए।

इस मौके पर सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद, केंद्रीय मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह, दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता, विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार, एमडीएच समूह के चेयरमैन महाशय धर्मपाल, सीकर से सांसद स्वामी सुमेधनन्द, स्वामी देवव्रत और देश के प्रथम अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा आदि मौजूद रहे।

Updated : 28 Oct 2018 5:39 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top