बादामी बाग छावनी में बोले रक्षा मंत्री: क्या पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार सुरक्षित हैं?

क्या पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार सुरक्षित हैं?
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Defence Minister Rajnath Singh in Badami Bagh Cantonment : श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर। 'मैं पूरी दुनिया से पूछता हूं कि क्या ऐसे गैरजिम्मेदार और दुष्ट राष्ट्र के हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं। मेरा मानना ​​है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की निगरानी में ले जाना चाहिए। सेना ने बता दिया है कि, आतंकवाद के आका कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। हमारी सेना का निशाना अचूक है।' यह बात रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरूवार 15 मई को श्रीनगर के बादामी बाग छावनी में कही है।

वीर जवानों के सर्वोच्च बलिदान को नमन

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा, सबसे पहले मैं आतंकवाद और आतंकवादियों से लड़ते हुए वीर जवानों के सर्वोच्च बलिदान को नमन करना चाहूंगा। मैं उनकी स्मृति को नमन करता हूं। मैं पहलगाम में मारे गए निर्दोष नागरिकों को भी नमन करता हूं। मैं घायल जवानों की वीरता को भी नमन करता हूं और ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वे जल्द से जल्द स्वस्थ हो जाएं।

ऑपरेशन सिन्दूर को कभी भूल नहीं पाएगा पाकिस्तान

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि, पहलगाम हमले के बाद जिस तरह से जम्मू-कश्मीर के लोगों ने पाकिस्तान और आतंकवादियों के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया, मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को भी सलाम करता हूं। मैं यहां उस ऊर्जा को महसूस करने आया हूं, जिसने दुश्मनों को तबाह कर दिया। जिस तरह से आपने ऑपरेशन सिन्दूर के तहत सीमा पार पाकिस्तानी चौकियों और बंकरों को नष्ट किया, मुझे लगता है कि दुश्मन (पाकिस्तान ) इसे कभी नहीं भूल पाएंगे।

रक्षा मंत्री होने से पहले मैं एक भारतीय नागरिक हूं

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जवानों को सम्बोधित करते हुए कहा, ऐसी विपरीत परिस्थितियों में भी आपके बीच आकर मुझे गर्व महसूस हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आप सभी ने जो कुछ भी किया, उस पर पूरे देश को गर्व है। आपका रक्षा मंत्री होने से पहले मैं एक भारतीय नागरिक हूं। रक्षा मंत्री होने के अलावा मैं एक भारतीय नागरिक के तौर पर आपका आभार व्यक्त करने आया हूं।

हमें अपने सशस्त्र बलों पर गर्व

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि, रक्षा मंत्री होने के अलावा मैं यहां एक संदेशवाहक के तौर पर भी हूं। मैं पूरे देश की शुभकामनाओं, प्रार्थनाओं और आभार के साथ यहां आया हूं। एक तरह से मैं आपके पास डाकिया बनकर आया हूं और आपके पास पूरी दुनिया का संदेश लेकर आया हूं - कि हमें अपने सशस्त्र बलों पर गर्व है।


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