Simhachalam Temple Wall Collapses: सिम्हाचलम मंदिर हादसे में पीड़ितों को 2 लाख रुपए का मुआवजा, पीएम मोदी ने की घोषणा

सिम्हाचलम मंदिर हादसे में पीड़ितों को 2 लाख रुपए का मुआवजा, पीएम मोदी ने की घोषणा
X

Simhachalam Temple Accident : आंध्र प्रदेश। विशाखापत्तनम में सिम्हाचलम स्थित श्री वराहालक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर में हुए हादसे पर पीएम नरेंद्र मोदी ने संवेदना व्यक्त की है। इसके साथ ही उन्होंने पीड़ितों को दो लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया गया है।

सिंहाचलम मंदिर हादसे को लेकर पीएमओ की तरफ से एक्स अकाउंट पर पोस्ट साझा की है। इसमें उन्होंने लिखा है कि, आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में दीवार गिरने से हुई जानमाल की हानि से बहुत दुख हुआ। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है उनके प्रति संवेदना। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। प्रत्येक मृतक के परिजनों को PMNRF से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।

ये है पूरा मामला

दरअसल, बुधवार तड़के विशाखापत्तनम के प्रसिद्ध सिम्हाचलम मंदिर में चंदनोत्सव के दौरान भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण मंदिर परिसर में हाल ही में बनी एक दीवार ढह गई। इस हादसे में मलबे के नीचे दबकर 7- 8 लोगों की जान चली गई, जबकि 3 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों में 5 पुरुष और 3 महिलाएं शामिल हैं।

यह घटना उस समय हुई जब श्रद्धालु 300 रुपये के टिकट की कतार में दर्शन के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। अचानक भारी बारिश और तेज हवाओं ने हाल ही में बनाई गई इस दीवार को अस्थिर कर दिया, जिसके बाद इसका एक हिस्सा ढह गया। मलबे में दबने से 7 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति ने अस्पताल पहुंचने के बाद दम तोड़ दिया। प्रारंभिक जांच में मौसम की खराब स्थिति को हादसे का मुख्य कारण माना जा रहा है, हालांकि दीवार के निर्माण की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं।

राहत और बचाव कार्य

हादसे की सूचना मिलते ही NDRF (नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स) और SDRF (स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स) की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। बचाव दल ने मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए तत्परता से काम शुरू किया। उनके अथक प्रयासों से घायलों को सुरक्षित बाहर निकाला गया और तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। मलबे से 7 शव बरामद किए गए, और आशंका जताई जा रही है कि अभी भी कुछ लोग मलबे में फंसे हो सकते हैं। बचाव अभियान अभी भी जारी है ताकि किसी भी संभावित खतरे को टाला जा सके।

दीवार की गुणवत्ता की होगी जाँच

हादसे के बाद जिला कलेक्टर एमएन हरेनधीर प्रसाद और शहर पुलिस आयुक्त शंखब्रत बागची ने घटनास्थल का दौरा किया और राहत कार्यों की निगरानी की। दोनों अधिकारियों ने प्रभावित परिवारों को तत्काल सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, आंध्र प्रदेश की गृह मंत्री वंगालापुडी अनिता और विशाखापत्तनम के सांसद एम श्रीभारत ने भी स्थिति का जायजा लिया। गृह मंत्री ने कहा, यह दीवार हाल ही में बनाई गई थी। हम इसकी गुणवत्ता और हादसे के कारणों की गहन जांच करेंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। घायलों को सर्वोत्तम इलाज दिया जा रहा है।

मंदिर प्रशासन की व्यवस्था

हादसे के बाद मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा का विशेष ध्यान रखा। 300 रुपये के टिकट वाली कतार को वैकल्पिक रास्ते पर डायवर्ट किया गया ताकि चंदनोत्सव के दर्शन और अनुष्ठान बिना किसी रुकावट के जारी रहें। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने इस घटना पर गहरा दुख जताया। उन्होंने कहा, यह हादसा बेहद दुखद है। हम पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं और उन्हें हर संभव मदद दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने घायलों के इलाज और पीड़ितों के परिजनों को सहायता के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए।

मृतकों और घायलों की स्थित

हादसे में मारे गए लोगों के शव विशाखापत्तनम के किंग जॉर्ज अस्पताल (KGH) में ले जाए गए हैं, जहां पोस्टमॉर्टम और अन्य कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। घायलों का इलाज भी इसी अस्पताल में चल रहा है, और डॉक्टरों के अनुसार उनकी हालत स्थिर है।

जांच के आदेश

गृह मंत्री अनिता ने हादसे के कारणों की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। उनका कहना है कि दीवार की गुणवत्ता और निर्माण में किसी तरह की लापरवाही की जांच की जाएगी। यह पता लगाया जाएगा कि क्या भारी बारिश और तेज हवाएं ही एकमात्र कारण थीं या निर्माण में कोई खामी थी। जांच के नतीजों के आधार पर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे।

चंदनोत्सव का महत्व

चंदनोत्सव सिम्हाचलम मंदिर का एक प्रमुख वार्षिक उत्सव है, जो भगवान वराहालक्ष्मी नरसिंह स्वामी के सम्मान में मनाया जाता है। इस दिन भगवान की मूर्ति को चंदन से ढका जाता है और लाखों श्रद्धालु उनके 'निजरूप' दर्शन के लिए देश भर से यहां पहुंचते हैं। इस साल मंदिर प्रशासन ने करीब 2 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई थी, लेकिन इस हादसे ने उत्सव की खुशियों को मातम में बदल दिया।


Tags

Next Story