Chhattisgarh Naxal Area Development: कभी माने जाते थे नक्सलियों के गढ़, अब इन जिलों में बह रही विकास की गंगा

कभी माने जाते थे नक्सलियों के गढ़, अब इन जिलों में बह रही विकास की गंगा
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Chhattisgarh Naxal Area Development : रायपुर। छत्तीसगढ़ के दक्षिणी सीमावर्ती क्षेत्र, जो कभी नक्सलियों के गढ़ के रूप में पहचाने जाते थे अब तेजी से विकास की नई पहचान बना रहे हैं। बस्तर के कैनवास पर एक सकारात्मक बदलाव की तस्वीर उभर रही है। राज्य सरकार ने घोर नक्सल प्रभावित जिलों में विकास की नई इबारत लिखते हुए नक्सलवाद उन्मूलन और समग्र प्रगति को समानांतर रूप से आगे बढ़ाया है। पिछले 15 महीनों में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में शुरू की गई योजनाओं और अभियानों ने इन क्षेत्रों में आशा और विश्वास की नई किरण जगा दी है।

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का परिवर्तन

छत्तीसगढ़ के सात प्रमुख नक्सल प्रभावित जिलों- कांकेर, बस्तर, बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, नारायणपुर (बस्तर संभाग) और मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी (दुर्ग संभाग)- में सरकार ने नक्सल उन्मूलन और विकास की रणनीति को प्रभावी ढंग से लागू किया है। कभी पिछड़ेपन और भय का प्रतीक रहे इन क्षेत्रों में अब सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं तेजी से पहुंचाई जा रही हैं। शासन-प्रशासन की सक्रियता और जनसंपर्क से इन इलाकों में सकारात्मक बदलाव दिखाई देने लगा है।

प्रमुख योजनाओं का प्रभाव

सरकार की जनहितैषी नीतियों ने इन क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया है। मनरेगा के तहत 29,000 नए जॉब कार्ड जारी किए गए, जिसमें 5,000 कार्ड 'नियद नेल्ला नार' योजना के गांवों में वितरित हुए। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सातों जिलों में लगभग एक लाख आवास स्वीकृत हुए, जो लक्ष्य का 107% है, जबकि नियद नेल्ला नार गांवों में 1,100 आवास स्वीकृत होकर 300% की वृद्धि दर्ज की गई। आयुष्मान कार्ड लाभार्थियों की संख्या 19.24 लाख से बढ़कर 21.05 लाख हो गई, जबकि पीएम किसान सम्मान निधि से लाभान्वितों में 20.12% और उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों में 3.61 लाख की वृद्धि हुई।

आधारभूत ढांचे में सुधार

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 46 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं, जिनके दायरे में आने वाले 145 गांवों में 'नियद नेल्ला नार' योजना प्रभावी रूप से चल रही है। इन गांवों में 124 सड़क मार्ग से जुड़ चुके हैं, शेष 31 पर कार्य जारी है। शिक्षा के क्षेत्र में, मार्च 2024 तक 122 स्कूल क्रियाशील थे, जो अब 144 हो गए, और विद्यार्थियों की संख्या में 20% की वृद्धि हुई। आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या 193 से बढ़कर 202 हो गई, जिसमें पंजीकृत बच्चों की संख्या में 30% का इजाफा हुआ। विशेष केंद्रीय सहायता योजना के तहत 1,302 कार्य योजनाएं स्वीकृत की गईं, जिनमें 308 पूर्ण और 999 प्रगति पर हैं।

वित्तीय वर्ष 2024-25 में 220 करोड़ रुपये की राशि आबंटित की गई, जिसमें से 200 करोड़ रुपये प्राप्त होकर शत-प्रतिशत व्यय किया गया। इस राशि का उपयोग आधारभूत संरचना, सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, और कृषि से संबंधित कार्यों में किया गया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के दूरदर्शी नेतृत्व और जनकेंद्रित दृष्टिकोण ने इस परिवर्तन को संभव बनाया है।

नक्सल उन्मूलन अभियान में सरकार ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है, जिससे इन क्षेत्रों में शांति और विकास का माहौल बना है। विशेष शिविरों के माध्यम से लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जा रहा है, जिससे जनता का विश्वास बढ़ा है। यह परिवर्तन छत्तीसगढ़ की संकल्प शक्ति और जन सहभागिता का जीवंत उदाहरण है।


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