छत्तीसगढ़ हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स विवाद: सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा मामला, सरकार से जवाब तलब

Supreme Court
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Chhattisgarh Head of Forest Force Dispute : रायपुर। छत्तीसगढ़ में हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स की नियुक्ति को लेकर छिड़ा विवाद अब देश की सबसे बड़ी अदालत तक पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दो बार सुनवाई के बाद याचिका को स्वीकार कर लिया है और छत्तीसगढ़ सरकार को नोटिस भेजकर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

इस मामले की अगली सुनवाई जून 2025 में होने की संभावना है। यह मामला न सिर्फ प्रशासनिक नियुक्तियों की पारदर्शिता पर सवाल उठा रहा है, बल्कि राज्य के वन विभाग में बड़े बदलाव की ओर भी इशारा कर रहा है।

दरअसल, यह विवाद 1990 बैच के भारतीय वन सेवा (आईएफएस) अधिकारी वी. श्रीनिवास राव की नियुक्ति को लेकर शुरू हुआ। आरोप है कि तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार ने पांच वरिष्ठ अधिकारियों को दरकिनार करते हुए राव को हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स के पद पर नियुक्त किया था।

इस फैसले के खिलाफ वर्तमान में पीसीसीएफ (वाइल्ड लाइफ) के पद पर कार्यरत और सबसे वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी सुधीर अग्रवाल ने मोर्चा खोल दिया। अग्रवाल का दावा है कि उनकी वरिष्ठता को नजरअंदाज कर यह नियुक्ति की गई, जो नियमों के खिलाफ है।

सुधीर अग्रवाल ने इस मामले को सबसे पहले केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT) में उठाया, लेकिन वहां से कोई राहत नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, मगर वहां भी निराशा हाथ लगी। हार न मानते हुए अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।

अब सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर गंभीरता दिखाते हुए सुनवाई शुरू कर दी है। दो सुनवाइयों के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता के तर्कों को सुनकर मामले को स्वीकार किया और राज्य सरकार को जवाब देने का आदेश दिया।


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