कब सुधरेगा हालात?: 52 हमर क्लिनिकों में कई जगह डॉक्टर नहीं, नर्स के भरोसे इलाज

कब सुधरेगा हालात?: 52 हमर क्लिनिकों में कई जगह डॉक्टर नहीं, नर्स के भरोसे इलाज
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रायपुर के हर वार्ड में आधुनिक और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई हमर क्लिनिक योजना जमीनी स्तर पर बुरी तरह लड़खड़ा गई है। राजधानी के 52 हमर क्लिनिकों में से लगभग आधे केंद्र बिना डॉक्टरों के संचालित हो रहे हैं। नर्सों के भरोसे मरीजों का उपचार किया जा रहा है। कई स्थानों पर नर्स और डाटा एंट्री ऑपरेटर ही इलाज का दायित्व निभा रहे हैं।

स्वदेश की टीम ने रानी लक्ष्मीबाई वार्ड, त्रिमूर्ति नगर सहित कई क्लिनिकों का निरीक्षण किया। स्थिति गंभीर है-कई क्लिनिक जर्जर आंगनबाड़ी भवनों या टपकती छत वाले कमरों में संचालित हो रहे हैं।

दो साल की संविदा पर रखे गए मेडिकल ऑफिसरों के अनुबंध समाप्त हो चुके हैं, और नए अनुबंध के लिए फंड जारी न होने के कारण भर्ती प्रक्रिया अटकी हुई है। न दवाओं को सुरक्षित रखने की व्यवस्था है, न मरीजों के बैठने की उचित सुविधा। कई जगह एक छोटे कमरे में दवा वितरण, ओपीडी और स्टाफ की बैठने की व्यवस्था सब कुछ एक साथ संचालित किया जा रहा है।

केवल मौसमी बीमारियों का ही इलाज संभव

हमर क्लिनिकों की स्थिति इतनी दयनीय हो गई है कि यहां अब केवल मौसमी बीमारियों जैसे सर्दी, जुकाम और हल्के बुखार का इलाज ही संभव है। सामान्य दवाओं जैसे बीपी और शुगर की दवाएं ही उपलब्ध हैं। जटिल मामलों, आपात स्थितियों या गंभीर बीमारियों वाले मरीजों को क्लिनिकों में इलाज न होने के कारण सीधे बड़े अस्पतालों में रेफर करना पड़ रहा है। इससे आम जनता को स्वास्थ्य सुविधाओं का अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है।

जरूरी सुविधाओं और स्टाफ की भारी कमी

स्थिति इतनी अव्यवस्थित है कि 6 हमर क्लिनिकों का निर्माण कार्य आज तक शुरू नहीं हो सका। मानक के अनुसार एक हमर क्लिनिक में एक डॉक्टर, एक स्टाफ नर्स, एक एपीडब्ल्यू, एक डाटा एंट्री ऑपरेटर और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी होना चाहिए।

हालांकि 52 क्लिनिकों के लिए उपलब्ध स्टाफ है:

• 61 नर्स

• 59 डाटा एंट्री ऑपरेटर

• 57 एपीडब्ल्यू

• 60 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी

यानी शहर के अधिकांश क्लिनिक बिना डॉक्टर और अधूरी टीम के चल रहे हैं। कई वार्डों में मरीजों की जांच तक नर्स ही कर रही हैं।

स्वास्थ्य ढांचे की यह गंभीर कमी राजधानी में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित कर रही है और जनता को अपेक्षित सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं।

हमर क्लिनिक संजय नगर

नए भवन तैयार होने के बावजूद कई क्लिनिक अब भी सामुदायिक भवनों व आंगनबाड़ी केंद्रों में संचालित हो रहे हैं। वार्ड 61, 29, 7 और 6 के क्लिनिक इसी श्रेणी में हैं। शहर के करीब 12 क्लिनिक नए, आधुनिक और सुविधायुक्त भवनों में तैयार होने के बावजूद खाली पड़े हैं और वैकल्पिक भवनों में संचालित हो रहे हैं।

धीरे-धीरे हमर क्लिनिकों की व्यवस्था सुधारी जा रही है। जहां डॉक्टर तैनात नहीं हैं, वहां पीएचसी के डॉक्टर सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

- डॉ. मिथिलेश चौधरी, सीएमएचओ रायपुर

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