राजधानी रायपुर में प्रदेश का पहला दिव्यांग पार्क, 10 करोड़ की मंजूरी

राजधानी में दिव्यांगजनों के लिए प्रदेश का पहला स्पेशलाइज्ड दिव्यांग पार्क बनाया जाएगा। केंद्र सरकार की दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत स्वीकृत इस परियोजना को 10 करोड़ रुपये की मंजूरी मिल चुकी है। जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी और उसके बाद निर्माण कार्य आरंभ किया जाएगा।
पार्क के लिए प्रस्तावित स्थान
नगर निगम ने पार्क निर्माण के लिए जोन 9 और 10 में दो स्थान चिन्हित किए हैं। अंतिम चयन के बाद 3 से 4 एकड़ क्षेत्र में विस्तृत पार्क विकसित होगा।
प्रमुख विशेषताएं और सुविधाएं
• सुरक्षित आवास: पार्क में एक साथ 100 दिव्यांग बच्चों के लिए आवास की सुविधा रहेगी, जिससे लंबी अवधि की थेरेपी और देखभाल संभव होगी।
• स्पीच थेरपी सेंटर: आधुनिक तकनीक से लैस कक्ष, जहां विशेषज्ञ बच्चों और वयस्कों को बोलने में आने वाली समस्याओं का समाधान करेंगे।
• हाइड्रो थेरपी यूनिट: पानी के दबाव और तापमान के माध्यम से स्ट्रोक, सेरेब्रल पाल्सी और अन्य न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का उपचार।
• चाइल्ड बिहेवियर थेरेपी सेंटर: ऑटिज्म, एडीएचडी और व्यवहार संबंधी चुनौतियों से जूझ रहे बच्चों के लिए प्रशिक्षण और थेरेपी।
• मनोवैज्ञानिक परामर्श: दिव्यांग व्यक्तियों और उनके परिजनों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए पेशेवर काउंसलिंग।
• हियरिंग थेरपी सेंटर: नई ऑडियोलॉजी तकनीक से सुनने संबंधी परीक्षण और प्रशिक्षण।
• मड थेरपी यूनिट: प्राकृतिक उपचार आधारित मड थेरपी, जो दर्द और मांसपेशियों की जकड़न को कम करेगी।
• व्हीलचेयर-फ्रेंडली रेस्ट रूम्स और दिव्यांग मैत्रीपूर्ण शौचालय एवं विश्राम कक्ष।
• स्मेल गार्डन: दृष्टिबाधित बच्चों के लिए सुगंधित पौधों से सुसज्जित विशेष बगीचा।
• टच-सेंसिटिव फुटपाथ: दृष्टिबाधित व्यक्तियों की सुरक्षित आवाजाही के लिए स्पर्श-संवेदनशील रास्ते।
• आवास एवं मैस सुविधा: लंबी अवधि की थेरेपी के लिए आने वाले बच्चों और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए केंद्र परिसर में आवास और पौष्टिक भोजन।
