CG Paddy Scam: धान खरीदी केंद्र पर 1.57 करोड़ का घोटाला, सहायक समिति प्रबंधक समेत 6 के खिलाफ शिकायत दर्ज

Chhattisgarh Paddy Procurement
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Chhattisgarh Paddy Procurement 

Chhattisgarh Paddy Scam : सारंगढ़-बिलाईगढ़। छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के सेवा सहकारी समिति बोहराबहाल धान उपार्जन केंद्र में एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसने प्रशासनिक और सामाजिक हलचल मचा दी है।

जांच में खुलासा हुआ है कि केंद्र में 1 करोड़ 57 लाख 21 हजार 960 रुपये का गबन किया गया है। इस मामले में कनकबीरा पुलिस ने समिति से जुड़े छह कर्मचारियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की गंभीर धाराओं में प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की है। यह घटना 7 अप्रैल 2025 को सुर्खियों में आई, जिसने राज्य की धान खरीदी प्रणाली पर सवाल उठाए हैं।

आरोपियों की पहचान

आरोपियों में सहायक समिति प्रबंधक निराकर पटेल, फड़ प्रभारी निलाम्बर पटेल, बारदाना प्रभारी दिलेश्वर पटेल, धान आवक-जावक प्रभारी दिलेश विश्वकर्मा, कंप्यूटर ऑपरेटर शिवकुमार पटेल, और प्राधिकृत अधिकारी टीकाराम पटेल शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ पुलिस ने BNS की धारा 3 (आपराधिक साजिश), धारा 5 (धोखाधड़ी), धारा 306(5) (सार्वजनिक धन का दुरुपयोग), और धारा 318(4) (फर्जी दस्तावेजीकरण) के तहत मामला दर्ज किया है। इन धाराओं से स्पष्ट है कि यह घोटाला सुनियोजित और संगठित था।

फर्जीवाड़े का खुलासा

जांच में पाया गया कि धान खरीदी पंजी और विभागीय वेबसाइट की जानकारी में गंभीर असमानता है। 85 किसानों के नाम पर 4633.60 क्विंटल धान की फर्जी खरीदी दर्शाई गई, जबकि वास्तविकता में 5071.60 क्विंटल धान की कमी सामने आई।

इसकी अनुमानित कीमत 1.57 करोड़ रुपये आंकी गई है। जांच अधिकारियों के अनुसार, आरोपियों ने मिलीभगत कर बोहराबहाल उपार्जन केंद्र की धान आवक पंजी में बोगस प्रविष्टियां कीं और सरकारी धन का दुरुपयोग किया। यह घोटाला न केवल आर्थिक हानि का मामला है, बल्कि किसानों के विश्वास को भी ठेस पहुंचाने वाला है।

पुलिस ने इस मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर यह संकेत मिलता है कि कर्मचारियों ने सिस्टम में सेंध लगाकर फर्जी रिकॉर्ड तैयार किए, जिससे सरकारी कोष को नुकसान पहुंचा।

पुलिस के सूत्रों के अनुसार, आगे की जांच में अन्य संलिप्त लोगों का भी पता लगाया जा रहा है। इस बीच, प्रभावित किसानों और स्थानीय प्रशासन से शिकायतें भी दर्ज की जा रही हैं, ताकि घोटाले की पूरी तस्वीर सामने आ सके।


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