रायपुर सूटकेस हत्याकांड की गुत्थी सुलाझी: हत्या से पहले करवाया नाश्ता, शिवानी ने पकड़े पैर फिर...

रायपुर सूटकेस हत्याकांड मामले में दंपती समेत 4 आरोपियों को गिरफ्तार
Raipur Suitcase Murder Case Solved : रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक सनसनीखेज सूटकेस हत्याकांड ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। पुलिस ने इस मामले की गुत्थी सुलझा ली है और चार आरोपियों, जिसमें एक वकील दंपती और उनके दो सहयोगियों को शामिल किया गया है, को गिरफ्तार कर लिया है।
मृतक किशोर पैकरा की हत्या 21 जून 2025 को इंद्रप्रस्थ कॉलोनी के एक किराए के फ्लैट में की गई थी। इसके बाद लाश को 48 घंटे तक फ्लैट में रखा गया और फिर सीमेंट से भरे सूटकेस में बंद कर झाड़ियों में फेंक दिया गया। यहाँ पढ़िए रायपुर सूटकेस हत्याकांड की पूरी कहानी...।
कैसे हुआ सूटकेस हत्याकांड?
पुलिस के अनुसार, आरोपी अंकित उपाध्याय, जो पेशे से वकील हैं, और उनकी पत्नी शिवानी शर्मा ने किशोर पैकरा की हत्या की साजिश रची। किशोर, जो शारीरिक रूप से अक्षम था और व्हीलचेयर पर निर्भर था, को 21 जून को इंद्रप्रस्थ कॉलोनी के फेज-2 में किराए के फ्लैट में बुलाया गया। अंकित ने किशोर को बताया कि वे उसके पुश्तैनी घर की साफ-सफाई करवा रहे हैं और तब तक वह उनके फ्लैट में रह सकता है।
फ्लैट में किशोर को पहले नहलाया गया और फिर पोहा खिलाया गया। नाश्ते के बाद जब किशोर को नींद आई, अंकित ने उसका गला दबाया और मरोड़ दिया, जबकि शिवानी ने उसके पैर पकड़े रखे। किशोर, जो शारीरिक रूप से कमजोर था, ज्यादा विरोध नहीं कर सका और उसकी मौत हो गई। इसके बाद, अंकित ने पक्का करने के लिए किशोर के गले पर चाकू से वार भी किया।
लाश को ठिकाने लगाने की कोशिश
हत्या के बाद, आरोपियों ने लाश को सूटकेस में डालने की योजना बनाई थी, लेकिन खून ज्यादा फैलने से सूटकेस गंदा हो गया। इसे फ्लैट से बाहर ले जाना मुश्किल था। इसलिए, लाश को 48 घंटे तक फ्लैट में ही रखा गया। इस दौरान लाश से दुर्गंध आने लगी। हड़बड़ी में, दंपती ने एक नया स्टील ट्रंक खरीदा और लाश को सूटकेस में डालकर उसमें सीमेंट भर दिया ताकि बदबू कम हो। फिर सूटकेस को ट्रंक में बंद कर दिया गया।
अंकित ने अपने दो परिचितों, विनय यदु (23) और सूर्यकांत यदु (21), को मदद के लिए बुलाया। दोनों ने हत्या की बात जानने के बावजूद सहायता की। चारों ने मिलकर भारी ट्रंक को लिफ्ट से नीचे उतारा और एक पुरानी अल्टो कार में रखकर इंद्रप्रस्थ कॉलोनी के पीछे झाड़ियों में फेंक दिया। यह पूरी घटना दिन के उजाले में हुई, क्योंकि बदबू और डर के कारण रात में इसे करना मुश्किल था।
प्रॉपर्टी और पैसे का लालच बनी हत्या की वजह
पुलिस जांच में पता चला कि हत्या का मकसद प्रॉपर्टी विवाद और पैसे का लालच था। किशोर और अंकित 2018 से एक-दूसरे को जानते थे। किशोर ने अंकित की मदद से तिल्दा के मढ़ी गांव में 30 लाख रुपये की जमीन बेची थी, जिसमें अंकित को 2 लाख रुपये का कमीशन मिला था। किशोर के पास कुछ और विवादित जमीनें थीं, जिन्हें बेचने का वादा अंकित ने किया था। इसके लिए उसने किशोर से कोर्ट-कचहरी के नाम पर 10 लाख रुपये लिए।
जब जमीनें लंबे समय तक नहीं बिकीं, तो किशोर ने अपने 10 लाख रुपये वापस मांगे। इसके अलावा, किशोर के पास बचे 18 लाख रुपये को हथियाने की भी अंकित की नजर थी। किशोर की शारीरिक अक्षमता का फायदा उठाते हुए, अंकित उसकी रोजमर्रा की जरूरतों, जैसे खाना और मिनरल वाटर, की व्यवस्था करता था। लेकिन किशोर की लगातार मांग और खर्चों से तंग आकर अंकित ने उसकी हत्या की साजिश रची।
हत्या में शिवानी की भूमिका
शुरुआत में, शिवानी ने हत्या की योजना का विरोध किया था, लेकिन अंकित के बार-बार समझाने और एक "सफल हत्या" की योजना सुनने के बाद वह मान गई। दोनों ने इंद्रप्रस्थ फेज-2 में 19 जून को 6,500 रुपये किराए पर फ्लैट लिया। फ्लैट की मालकिन सितारा बेगम को ऑनलाइन भुगतान किया गया, जो बाद में पुलिस के लिए अहम सुराग बना।
हत्या के लिए अंकित ने एक पुरानी Alto कार भी खरीदी, जिसका नंबर प्लेट बदलकर पहचान छिपाने की कोशिश की गई। 21 जून को हत्या के बाद, दंपती ने 23 जून की रात को दिल्ली के लिए फ्लाइट बुक की और वहां किराए का घर लेने की योजना बनाकर फरार हो गए।
CCTV फुटेज से मिला सुराग
23 जून को स्थानीय लोगों ने इंद्रप्रस्थ कॉलोनी के पास एक ट्रंक से बदबू की शिकायत की। पुलिस ने जांच शुरू की और CCTV फुटेज में एक Alto कार को ट्रंक ले जाते देखा गया। कार का नंबर प्लेट CG 04 B-7700 एक 2005 Hyundai Santro का था, जो जांच को गुमराह करने की कोशिश थी। पुलिस ने ट्रंक को रायपुर के गोल बाजार में शब्बीर स्टील ट्रंक फैक्ट्री से खरीदा गया पाया, जहां से खरीदार की जानकारी मिली।
ऑनलाइन भुगतान और मकान मालकिन के बयान से अंकित और शिवानी की पहचान हुई। पुलिस ने दिल्ली पुलिस की मदद से दोनों को दिल्ली हवाई अड्डे पर गिरफ्तार कर लिया। उनके सहयोगी विनय और सूर्यकांत को भी गिरफ्तार किया गया। सभी चारों आरोपियों को 2 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है, और पुलिस अब घटनास्थल पर सीन रीक्रिएशन करवाएगी।
