आत्मानंद स्कूल विवाद: 9वीं में फेल छात्रा को TC का आदेश, DEO बोले- ऐसा कोई नियम नहीं रिकॉर्ड दिखाए प्राचार्य

9वीं में फेल छात्रा को TC का आदेश, DEO बोले- ऐसा कोई नियम नहीं रिकॉर्ड दिखाए प्राचार्य
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PM Shri Natwar Atmanand School Controversy Raigarh : रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में पीएम श्री नटवर आत्मानंद स्कूल में 9वीं कक्षा में फेल हुई एक छात्रा को कक्षा में बैठने से रोकने का मामला सामने आया है। परेशान परिजनों ने कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत दर्ज की, जहां से उन्हें जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) के पास भेजा गया। परिजनों ने डीईओ को आवेदन देकर समस्या के समाधान की गुहार लगाई है। डीईओ ने प्राचार्य को बुलाकर जांच शुरू कर दी है।

मामला क्या है?

परिजनों के अनुसार, उनकी बेटी 2024-25 शैक्षणिक सत्र में पीएम श्री नटवर आत्मानंद स्कूल में 9वीं कक्षा में पढ़ रही थी। वह इस कक्षा में फेल हो गई। नए सत्र शुरू होने पर जब छात्रा स्कूल गई, तो कक्षा शिक्षक ने उसे बैठने से मना कर दिया और कहा कि फेल छात्रों को ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) लेकर स्कूल छोड़ना होगा। परिजनों ने प्राचार्य से संपर्क किया, लेकिन प्राचार्य ने भी यही बात दोहराई।

प्राचार्य की मनमानी

परिजनों ने अपने आवेदन में बताया कि उन्होंने प्राचार्य से कई बार निवेदन किया, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। परिजनों ने प्राचार्य से पूछा कि यदि सरकारी स्कूल में एक बार फेल होने पर टीसी देने का नियम है, तो इसे लिखित रूप में दें। लेकिन प्राचार्य ने लिखित जवाब देने से इनकार कर दिया।

टीसी बिना दूसरों को दी सीट

परिजनों ने आरोप लगाया कि स्कूल में 9वीं कक्षा की रिक्त सीटें ऑनलाइन लॉटरी सिस्टम के माध्यम से भरी जाती हैं। लेकिन फेल छात्रों को बिना टीसी जारी किए उनकी सीटें अन्य छात्रों को दे दी गईं। परिजनों ने बताया कि उनकी बेटी के अलावा 3-4 अन्य छात्र भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं।

परिजनों की मांग

परिजनों ने डीईओ से मांग की है कि यदि फेल होने पर टीसी देने का कोई नियम है, तो बच्चों को टीसी देकर अन्य स्कूल में प्रवेश की व्यवस्था की जाए। वे नहीं चाहते कि उनके बच्चों का शैक्षणिक भविष्य प्रभावित हो। परिजनों का कहना है कि स्कूल की इस मनमानी से बच्चों का एक साल बर्बाद हो सकता है।

डीईओ ने प्राचार्य से मांगा रिकॉर्ड

जिला शिक्षा अधिकारी केवी राव ने कहा, “छात्रा और उसके परिजन मुझसे मिले हैं। मैंने प्राचार्य को गुरुवार को सभी रिकॉर्ड के साथ बुलाया है। एक बार फेल होने पर टीसी देने का कोई नियम नहीं है। प्राचार्य का पक्ष सुनने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।”


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