छत्तीसगढ़ में छापेमारी: EOW ने 19 ठिकानों पर दी दबिश

प्रदेश में डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड (डीएमएफ) और आबकारी घोटालों की जांच तेज हो गई है। ईओडब्ल्यू और एसीबी ने रविवार सुबह पूरे प्रदेश में एक साथ 19 स्थानों पर छापेमारी की। जांच दलों ने महत्वपूर्ण दस्तावेज, लेन-देन के रिकॉर्ड और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जब्त किए। अधिकारियों ने इसे अब तक की सबसे निर्णायक कार्रवाई बताया।
डीएमएफ घोटाला: 11 स्थानों पर दबिश
डीएमएफ घोटाले से जुड़े मामले में दर्ज अपराध क्रमांक 02/2024 के तहत हरपाल सिंह अरोड़ा और उनसे जुड़े ठेकेदारों के ठिकानों पर तलाशी ली गई। अभियान के तहत रायपुर जिले में 4, बिलासपुर में 2, सरगुजा में 2, कोंडागांव में 1, धमतरी में 1 और बलरामपुर में 1 स्थान पर छापेमारी की गई।
अधिकारियों के अनुसार कई स्थानों पर टेंडर जारी करने, भुगतान प्रक्रिया, सप्लाई और ठेके संबंधी पुराने अभिलेख जब्त किए गए। इन दस्तावेजों से पूरे घोटाले की वित्तीय संरचना समझने में मदद मिलेगी। लेन-देन संबंधी संदिग्ध दस्तावेजों की जांच को आगे बढ़ाने के लिए यह कार्रवाई की गई।
आबकारी घोटाला: 8 स्थानों पर छापे
आबकारी घोटाले में दर्ज अपराध क्रमांक 04/2024 के तहत जेल में बंद अनिल टुटेजा और निरंजन दास के परिजनों तथा उनके सहयोगियों के 8 ठिकानों पर तलाशी ली गई। बिलासपुर में 4, रायपुर में 2, दुर्ग में 1 और बस्तर में 1 स्थान पर छापेमारी हुई।
ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने बताया कि तलाशी में बरामद सामग्री जांच के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। कई दस्तावेज ऐसे मिले हैं, जो पूरे घोटाले की श्रृंखला को समझने में निर्णायक साबित होंगे। प्रारंभिक साक्ष्यों से स्पष्ट है कि अनियमितताएं योजनाबद्ध तरीके से की गई थीं।
विस्टा और रामा ग्रीन परिसरों में मौजूद आवासों में तलाशी के दौरान लगभग एक घंटे तक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, पुराने रिकॉर्ड, फाइलें और खातों के दस्तावेज खंगाले गए। अधिकारियों ने बताया कि तलाशी के बाद पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास से पूछताछ जारी है।
आगे की प्रक्रिया
जब्त दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक सामग्री को अनुसंधान में शामिल किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि कई स्थानों पर तलाशी अभी भी जारी है और आने वाले दिनों में और कार्रवाई की संभावना है।
