CG Tiger Census: छत्तीसगढ़ में बाघों की गणना की तैयारी, पहली बार लगेंगे ट्रैप कैमरे

छत्तीसगढ़ में बाघों की गणना की तैयारी, पहली बार लगेंगे ट्रैप कैमरे
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Tiger Census in Chhattisgarh : रायपुर। छत्तीसगढ़ के जंगलों में चार साल के अंतराल के बाद एक बार फिर बाघों की संख्या की गणना की जाएगी। वन विभाग के अनुसार, पिछली गणना वर्ष 2022 में हुई थी, जिसमें राज्य में कुल 17 बाघों की मौजूदगी दर्ज की गई थी। अधिकारियों को उम्मीद है कि इस बार बाघों की संख्या में वृद्धि दर्ज की जाएगी।

गणना पूरी होने के बाद इसकी आधिकारिक रिपोर्ट जारी की जाएगी। इस बार बाघ गणना प्रक्रिया में बस्तर क्षेत्र के इंद्रावती टाइगर रिजर्व और कांगेर घाटी नेशनल पार्क में पहली बार ट्रैप कैमरे लगाए जाएंगे। पहले भी इन क्षेत्रों में कैमरे लगाने की योजनाएं बनाई गई थीं, लेकिन नक्सल गतिविधियों और सुरक्षा कारणों के चलते ऐसा नहीं हो पाया। अब जब हालात में सुधार हुआ है, तो कैमरे लगाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है।

बाघ और तेंदुए जैसे मांसाहारी वन्यजीवों के लिए जंगलों में शिकार का आधार (प्रे-बेस) बढ़ाने की दिशा में भी कदम उठाए जा रहे हैं। जंगल सफारी और भिलाई के मैत्री बाग ज़ू से बड़ी संख्या में चीतल छोड़े जाने की योजना है। 100 से अधिक चीतलों को उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा।

इसी तरह, गुरुघासीदास टाइगर रिजर्व में भी प्रे-बेस बढ़ाने के लिए चीतलों को बसाने पर विचार किया जा रहा है। बाघों की गणना राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के दिशा-निर्देशों के अनुसार की जाएगी।

इसके लिए वन विभाग द्वारा आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। ट्रैप कैमरों की मदद से बाघों, तेंदुओं और अन्य मांसाहारी जीवों की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी, जिससे उनकी सटीक संख्या का पता चल सकेगा।


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