ऑपरेशन साइबर शील्ड: 11 साइबर ठग धराए, 7000 फर्जी सिम से UAE-नेपाल तक फैला था जाल

Raipur Cyber Police Operation Cyber Shield : रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक बड़े साइबर अपराध रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। रायपुर रेंज साइबर सेल पुलिस ने ‘ऑपरेशन साइबर शील्ड’ के तहत फर्जी सिम कार्ड बेचने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह के 11 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह फर्जी ई-केवाईसी और डी-केवाईसी प्रक्रियाओं का दुरुपयोग कर हजारों सिम कार्ड सक्रिय करता था, जिन्हें साइबर अपराधों में उपयोग होने वाले म्यूल अकाउंट्स से जुड़े ब्रोकरों और ऑपरेटरों को बेचा जाता था। इस कार्रवाई में पुलिस ने अब तक 7000 से अधिक फर्जी सिम कार्ड और 590 मोबाइल फोन की पहचान की है, जो भारत में जारी किए गए थे लेकिन संयुक्त अरब अमीरात, श्रीलंका, नेपाल और म्यांमार जैसे देशों में इस्तेमाल हो रहे थे।
गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में खुला राज
रायपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा के निर्देशन में यह कार्रवाई की गई। जांच के दौरान म्यूल अकाउंट से जुड़े साइबर अपराधों में इस्तेमाल होने वाले मोबाइल नंबरों की जांच की गई। सिम सेवा प्रदाता कंपनियों से प्राप्त तकनीकी डेटा के आधार पर इन फर्जी सिम कार्डों की सच्चाई सामने आई। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में साइबर अपराध के प्लान का खुलासा हुआ, जिसने पुलिस को इस रैकेट की गहराई तक पहुंचने में मदद की।
डबल थंब स्कैन और आई ब्लिंक का दुरुपयोग
गिरफ्तार आरोपियों ने खुलासा किया कि वे नया सिम लेने या सिम पोर्ट कराने वाले ग्राहकों की ई-केवाईसी प्रक्रिया के दौरान डबल थंब स्कैन और आई ब्लिंक जैसे बायोमेट्रिक तरीकों का दुरुपयोग करते थे। जिन ग्राहकों के पास आधार कार्ड की फिजिकल कॉपी होती थी, उनके विवरणों को स्वयं वेरिफाई कर डी-केवाईसी के जरिए अतिरिक्त सिम कार्ड सक्रिय किए जाते थे। ये सिम कार्ड बाद में म्यूल अकाउंट्स से जुड़े ब्रोकरों और साइबर अपराधियों को बेचे जाते थे, जो इनका उपयोग वित्तीय धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य साइबर अपराधों में करते थे।
इन आरोपियों की हुई गिरफ्तारी
पुलिस ने इस रैकेट के 11 सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनमें POS एजेंट, सिम कार्ड वितरक और संवर्धक शामिल हैं। पुलिस ने इनके कब्जे से कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दस्तावेज जब्त किए हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
गिरफ्तार आरोपियों के नाम :
नितेश शर्मा (राजस्थान)
पीयूष पांडे (मध्यप्रदेश)
हरविंदर भाटिया (दुर्ग)
दिलावर सिंह संधू (दुर्ग)
वैभव साहू (दुर्ग)
उदय राम यदु (रायपुर)
आशीष कलवानी (रायपुर)
चंदन कुमार सिंह (रायपुर)
सचिन गिरी (रायपुर)
अतहर नवाज (रायपुर)
सूरज मारकण्डे (धमतरी)
यूएई, श्रीलंका और नेपाल तक फैला कनेक्शन
जांच में पता चला कि इस रैकेट के तार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले हुए हैं। फर्जी सिम कार्डों का उपयोग न केवल भारत में ही नहीं बल्कि यूएई, श्रीलंका, नेपाल, और म्यांमार जैसे देशों में साइबर अपराधों के लिए किया जा रहा था। ये सिम कार्ड वित्तीय धोखाधड़ी, डिजिटल घोटालों, और क्रॉस-बॉर्डर अपराधों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे। पुलिस अब इस रैकेट से जुड़े अन्य ब्रोकरों और ऑपरेटरों की तलाश में है, जो इस नेटवर्क को संचालित कर रहे हैं।
इससे पहले भी इस रैकेट से जुड़े कई ब्रोकर और संचालक गिरफ्तार किए जा चुके हैं। वर्तमान में गिरफ्तार 11 आरोपियों से पूछताछ के आधार पर पुलिस रैकेट के अन्य सदस्यों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। पुलिस ने टेलीकॉम कंपनियों से भी सख्ती बरतने और बायोमेट्रिक डेटा के दुरुपयोग को रोकने के लिए बेहतर सुरक्षा तंत्र विकसित करने की अपील की है।
