50 साल बाद नौतपा में छत्तीसगढ़ पहुंचा मानसून: दंतेवाड़ा के रास्ते प्रवेश, रायपुर का पारा 6.5 डिग्री गिरा

Monsoon Enters in Chhattisgarh : रायपुर, स्वदेश। करीब 50 वर्षों बाद यह देखने को मिला है कि छत्तीसगढ़ में नौतपा के दौरान ही मानसून की एंट्री हो गई है। नौतपा के चौथे ही दिन बुधवार को दंतेवाड़ा के रास्ते दक्षिम पश्चिम मानसून प्रवेश कर गया। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि मानसून की आगे बढ़ने की स्थिति यही रही तो आने वाले कुछ दिनों में ही पूरे प्रदेश में मानसून पहुंच जाएगा।
इससे पहले जब 24 मई को केरल में मानसून की दस्तक हुई थी तो माना जा रहा था कि छह जून को प्रदेश में भी मानसून पहुंचेगा, लेकिन नौ दिन पहले ही मानसून ने दस्तक दे दी। दक्षिण छत्तीसगढ़ में भारी वर्षा होने की संभावना है। बारिश के साथ ही ठंडी हवाओं के कारण रायपुर के साथ ही प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में अधिकतम व न्यूनतम तापमान में गिरावट आई। बुधवार को रायपुर का अधिकतम तापमान 35.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 6.5 डिग्री कम है।
प्रदेश भर में बिलासपुर 36.6 डिग्री के साथ सर्वाधिक गर्म रहा। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि गुरुवार व शुक्रवार को प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में भारी वर्षा की संभावना है। इसके बाद बारिश की गतिविधि में थोड़ी कमी आएगी और तापमान में भी थोड़ी बढ़ोतरी होगी। बारिश व ठंडी हवाओं के चलते 34 वर्षों बाद ऐसा हुआ है कि मई के महीने में औसत तापमान घटा है।
बलरामपुर में हुई 80.5 मिमी बारिश
बलरामपुर-रामानुगंज में बुधवार को 80.5 मिमी बारिश हुई। इसके साथ ही सूरजपुर में 15.3 मिमी, सक्ति में 73.5 मिमी, रायपुर में 24.1 मिमी, महासमुंद में 27 मिमी, धमतरी में 47 मिमी बारिश हुई। इसके साथ ही प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा हुई। प्रदेश में मौसम का मिजाज अभी ऐसा ही रहने की संभावना है।
यह बन रहा सिस्टम
मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया कि दक्षिण पश्चिम मानसून अगले दो दिनों में उत्तर पूर्व के बचे हुए राज्य छत्तीसगढ़ के कुछ और भाग, ओडिशा, पश्चिम बंगाल के कुछ भाग और सिक्किम में पहुंचने की संभावना है।
एक चिन्हित कम दबाव का क्षेत्र उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी, उड़ीसा तट से दूर स्थित है। इसके साथ उपरि हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण 7.6 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है तथा यह ऊंचाई के साथ दक्षिण दिशा में झुका हुआ है। इसके धीरे-धीरे उत्तर की ओर आगे बढ़ते हुए और प्रबल होकर अवदाब के रूप में उत्तर बंगाल की खाड़ी के ऊपर बनने की संभावना है।
एक द्रोणिका पश्चिमी राजस्थान से उत्तर छत्तीसगढ़ तक पूर्वी राजस्थान मध्य प्रदेश होते हुए 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक फैला है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गुरुवार को अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पढऩे की संभावना है। एक दो स्थानों पर गरज चमक के साथ भारी वर्षा होने, अंधड़ चलने और वज्रपात होने की संभावना है।
