शराब घोटाले से मिला पैसा रियल स्टेट में खपाया: चैतन्य की गिरफ्तारी के तीसरे दिन ईडी ने जारी किया बयान

रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के तीसरे दिन इसको लेकर एक प्रेस नोट जारी किया है। ईडी ने आरोप लगाया है कि शराब घोटाला से मिला पैसा चैतन्य बघेल ने अपने रियल स्टेट कारोबार में लगाया है। ईडी ने चैतन्य का कनेक्शन शराब कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लन से भी जोड़ा है।
ईडी ने अपने बयान में बताया है कि पुलिस जांच से पता चला है कि शराब घोटाले के परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ। अनुसूचित अपराधों के कमीशन से उत्पन्न 2500 करोड़ रुपए की अपराध आय (पीओसी) हुई है। ईडी ने बताया है कि जांच से पता चला है कि चैतन्य बघेल को 16.70 करोड़ रुपए की पीओसी प्राप्त हुई थी। उन्होंने इस पीओसी को मिलाने के लिए अपनी रियल एस्टेट फर्मों का इस्तेमाल किया था। यह पता चला है कि उन्होंने पीओसी की नकद राशि का उपयोग अपनी रियल एस्टेट परियोजना के विकास में किया था। पीओसी का उपयोग उनकी परियोजनाओं के ठेकेदारों को नकद भुगतान, नकदी के विरुद्ध बैंक प्रविष्टियां आदि के माध्यम से किया गया था।
त्रिलोक सिंह ढिल्लो से जोड़ा कनेक्शन
ईडी ने प्रेस नोट में बताया है कि त्रिलोक सिंह ढिल्लों (शराब करोबारी) नामक व्यक्ति के साथ भी मिलीभगत की और अपनी कंपनियों का उपयोग एक योजना तैयार करने के लिए किया जिसके अनुसार उन्होंने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के कर्मचारियों के नाम पर अपने वि_लपुरम प्रोजेक्ट में फ्लैटों की खरीद की आड़ में अप्रत्यक्ष रूप से 5 करोड़ रुपए प्राप्त किए। बैंकिंग ट्रेल से पता चलता है कि लेन-देन की संबंधित अवधि के दौरान, त्रिलोक सिंह ढिल्लों ने अपने बैंक खातों में शराब सिंडिकेट से भुगतान प्राप्त किया था।
चैतन्य पर समन्वय करने का आरोप
ईडी ने बताया है कि इसके अलावा, उन्हें शराब घोटाले से उत्पन्न 1000 करोड़ रुपए से अधिक के पीओसी को संभालने का भी दोषी पाया गया था। वह छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन कोषाध्यक्ष को पीओसी हस्तांतरित करने के लिए अनवर ढेबर और अन्य के साथ समन्वय करता था। ईडी द्वारा की गई जांच से पता चला है कि इस शराब घोटाले से प्राप्त धनराशि को आगे निवेश के लिए बघेल परिवार के प्रमुख सहयोगियों को भी सौंप दिया गया था। इस धनराशि के अंतिम उपयोग की आगे जांच की जा रही है।
