वोकल फॉर लोकल अभियान: आदिवासी महिलाओं का जशप्योर ब्रांड, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में नई पहचान

आदिवासी महिलाओं का जशप्योर ब्रांड, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में नई पहचान
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Jashpur Tribal Women Jashpure Brand : रायपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले की आदिवासी महिलाओं ने अपनी मेहनत और समर्पण से एक अनूठा ब्रांड, जशप्योर, तैयार किया है, जो अब स्थानीय सीमाओं को पार कर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी पहचान बना रहा है। प्राकृतिक वनोपज और स्थानीय कृषि उत्पादों से बने स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थों के इस ब्रांड ने न केवल आदिवासी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है साथ ही छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को भी विश्व मंच पर प्रदर्शित किया है। वोकल फॉर लोकल अभियान के तहत जशप्योर का ट्रेडमार्क अब उद्योग विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा।

क्या है जशप्योर

जशप्योर ब्रांड आदिवासी महिलाओं द्वारा संचालित एक अनूठा उपक्रम है, जो प्राकृतिक और रसायनमुक्त खाद्य उत्पादों के निर्माण पर केंद्रित है। इसका मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ की समृद्ध वनोपज और कृषि संसाधनों का उपयोग कर स्वादिष्ट, पौष्टिक और पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद तैयार करना है। यह ब्रांड न केवल रोजगार सृजन और सतत विकास को बढ़ावा देता है, बल्कि स्थानीय समुदायों, खासकर आदिवासी महिलाओं, को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

जशप्योर के उत्पाद पूरी तरह प्राकृतिक हैं, जिनमें किसी भी प्रकार के प्रिज़र्वेटिव, कृत्रिम रंग या स्वाद का उपयोग नहीं होता। सस्टेनेबल पैकेजिंग में उपलब्ध ये उत्पाद छत्तीसगढ़ की माटी की सुगंध और आदिवासी समुदाय की मेहनत का प्रतीक हैं। इस ब्रांड ने परंपरागत ज्ञान को आधुनिक बाजार की जरूरतों के साथ जोड़कर एक नई मिसाल कायम की है।

जशप्योर के लोकप्रिय उत्पाद

जशप्योर ने महुआ, मिलेट और अन्य वनोपज को आधार बनाकर कई स्वास्थ्यवर्धक और स्वादिष्ट उत्पाद तैयार किए हैं। इनमें शामिल हैं:

महुआ आधारित उत्पाद: महुआ नेक्टर, महुआ वन्यप्राश, महुआ कुकीज़, रागी महुआ लड्डू, महुआ कैंडी, और महुआ कोकोआ ड्रिंक।

मिलेट आधारित उत्पाद: कोदो, कुटकी, रागी और टाऊ से बने पास्ता, स्नैक्स और अन्य खाद्य पदार्थ।

पारंपरिक चावल: ढेकी कूटा जवा फूल चावल, जो अपनी शुद्धता और पोषण मूल्य के लिए जाना जाता है।

आदिवासी महिलाओं का सशक्तिकरण

जशप्योर ब्रांड का 90% से अधिक कार्यबल आदिवासी महिलाओं से बना है, जो उत्पादन से लेकर पैकेजिंग तक हर स्तर पर सक्रिय हैं। इस पहल ने न केवल इन महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति को भी मजबूत किया है। ये महिलाएं परंपरागत ज्ञान और आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर उत्पादों को तैयार करती हैं, जिससे जशपुर की सांस्कृतिक विरासत को नई ऊंचाइयों तक ले जाया जा रहा है। यह ब्रांड आदिवासी महिलाओं के सशक्तिकरण का एक जीवंत उदाहरण है, जो आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर रहा है।

वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 में जशप्योर की धूम

20 सितंबर 2024 को नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 में जशप्योर का स्टॉल सभी के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। उपभोक्ताओं, पोषण विशेषज्ञों और उद्यमियों ने महुआ और मिलेट आधारित उत्पादों की गुणवत्ता और प्राकृतिकता की जमकर सराहना की। इन उत्पादों में किसी भी प्रकार के एडिटिव या प्रिज़र्वेटिव का उपयोग न होना इन्हें और भी खास बनाता है। इस आयोजन ने जशप्योर को राष्ट्रीय मंच पर एक मजबूत पहचान दिलाई।

रेयर प्लेनेट के साथ साझेदारी

जशप्योर ने हाल ही में रेयर प्लेनेट के साथ एक ऐतिहासिक समझौता किया है, जिसके तहत इसके उत्पाद देश के प्रमुख हवाई अड्डों के स्टोर्स पर उपलब्ध होंगे। पहले चरण में पांच एयरपोर्ट्स पर जशप्योर के महुआ और मिलेट आधारित उत्पादों की बिक्री शुरू होगी। इस समझौते पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ऑनलाइन हस्ताक्षर किए, जो स्थानीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह साझेदारी जशप्योर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ताओं से जोड़ने में मदद करेगी।

उद्योग विभाग को ट्रेडमार्क हस्तांतरण

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने जशप्योर ब्रांड के ट्रेडमार्क को उद्योग विभाग को हस्तांतरित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। यह कदम जशप्योर को व्यापक उत्पादन, प्रभावी मार्केटिंग और वैश्विक बाजारों तक पहुंचाने में सहायक होगा। इस निर्णय से न केवल उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि कच्चे माल की मांग बढ़ने से स्थानीय किसानों और वनोपज संग्राहकों को भी लाभ होगा। यह पहल जशपुर की आदिवासी महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करेगी और ब्रांड को लोकल टू ग्लोबल बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।

जशप्योर फॉरेस्ट गोल्ड की नई परिभाषा

जशपुर के युवा वैज्ञानिक समर्थ जैन ने कहा कि जशप्योर ने महुआ को केवल शराब तक सीमित न रखकर इसे फॉरेस्ट गोल्ड या ग्रीन गोल्ड के रूप में स्थापित किया है। यह ब्रांड न केवल स्वास्थ्यवर्धक भोजन को बढ़ावा देता है, बल्कि छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक संपदा को विश्व मंच पर ले जाने का प्रयास भी करता है। जिला प्रशासन और छत्तीसगढ़ शासन के सहयोग से जशप्योर एक ऐसी पहचान बना रहा है, जो अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा बन सकती है।


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