नववर्ष की सैटरडे नाइट में धुएं में हुक्का प्रतिबंध, पॉश इलाकों से आउटर तक होटल-कैफे में खुलेआम हुक्का

रायपुर में नववर्ष की सैटरडे नाइट की चमक-दमक के बीच हुक्का प्रतिबंध पूरी तरह बेअसर नजर आया। राजधानी के पॉश इलाकों से आउटर क्षेत्रों तक होटल, क्लब और कैफे में खुलेआम हुक्का परोसा और सेवन किया गया, जबकि प्रशासन की निगरानी कमजोर रही। सोशल मीडिया पर उल्लंघन के फोटो और वीडियो वायरल होते रहे, जिससे कानून-व्यवस्था और स्वास्थ्य सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं।
पॉश इलाकों से आउटर तक धुआं और उल्लंघन
सूत्रों के अनुसार, नामी होटल-कैफे ही नहीं, बल्कि आउटर क्षेत्रों में भी हुक्के की खुलेआम बिक्री और उपयोग देखा गया। नववर्ष और वीकेंड के सेलिब्रेशन में पार्टी और बर्थडे इवेंट्स में हुक्का आकर्षण बन चुका है।
प्रशासन कार्रवाई पर सवाल
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि पुलिस और प्रशासन की निगरानी ढीली पड़ने के कारण नियमों की अनदेखी हो रही है। शिकायतों के बावजूद कार्रवाई न होना चिंता का विषय है।जानकारों के अनुसार, यदि खाद्य विभाग और स्थानीय थाने नियमित निरीक्षण और औचक जांच करें, तो इस अवैध गतिविधि पर आसानी से रोक लगाई जा सकती है। मौजूदा स्थिति में न तो सख्त कार्रवाई दिख रही है और न ही लगातार निगरानी, जिससे होटल और क्लब संचालक प्रतिबंध को नजरअंदाज कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल जश्न
हुक्का प्रतिबंध के बावजूद इंस्टाग्राम, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पार्टी और निजी इवेंट्स में हुक्का पीते युवाओं के फोटो और वीडियो साझा किए गए। इससे नियमों के उल्लंघन की व्यापक तस्वीर सामने आई है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, हुक्के का सेवन सिगरेट से कम खतरनाक नहीं है। इसके सेवन से फेफड़े, हृदय और श्वसन तंत्र पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं। इसके बावजूद संचालक ग्राहकों को बेखौफ यह सुविधा दे रहे हैं।
