स्वदेश एक्सक्लूसिव: पर्यटन को बढ़ावा देने राज्य में लागू हो सकती है होम स्टे पॉलिसी, निजी घर में भी भुगतान करके ठहर सकेंगे पर्यटक

पर्यटन को बढ़ावा देने राज्य में लागू हो सकती है होम स्टे पॉलिसी, निजी घर में भी भुगतान करके ठहर सकेंगे पर्यटक
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लेखक : पराग मिश्रा

Swadesh Exclusive : रायपुर। पर्यटन को बढ़ावा के साथ ही छत्तीसगढ़ के ग्रामीण व कस्बाई क्षेत्रों में छोटे पैमाने पर आतिथ्य व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए होम स्टे पॉलिसी लागू हो सकती है। बताया जा रहा है कि इसके लिए होटल एसोसिएशन ने मांग भी की थी और सरकार के पास इसका प्रस्ताव भी भेजा गया है। होम स्टे पॉलिसी लागू होती है तो बाहर से आने वाले पर्यटकों को निजी मकान मालिक भी भुगतान लेकर पर्यटक ठहरा सकते हैं।

यह पॉलिसी बहुत से राज्यों में लागू है और वहां के स्थानीय निवासियों को भी इसका पूरा-पूरा फायदा मिलता है। रोजगार के साथ लोगों को अलग से आय भी मिलती है। इसका एक फायदा यह भी होता है कि पालिसी लागू होने के बाद लोगों को चोरी छिपे इस प्रकार अपना कारोबार चलाने की आवश्यकता नहीं होगी और अधिकारिक रूप से वे अपने घर में ही होटल खोल सकते है।

होटल कारोबारियों का कहना है कि यह पालिसी लागू होती है तो इसका सबसे ज्यादा फायदा ग्रामीण व कस्बाई क्षेत्र के लोगों को होगा। मालूम हो कि राज्य की नई औद्योगिक पॉलिसी में इस बार पर्यटन को काफी महत्व भी दिया गया है और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए पर्यटन क्षेत्रों का कायाकल्प करने की भी तैयारी है।

पर्यटकों को यह होगा फायदा

बहुत से पर्यटक ऐसे होते है जो घूमने जाते है तो बड़े-बड़े फाइव स्टार होटलों की तुलना में होम स्टे लेना ज्यादा पसंद करते है। होम स्टे में पर्यटकों को घर के समान ही खाना भी मिलता है। साथ ही पर्यटन स्थल के पास उन्हें स्टे मिल जाता है।

यह होता है होम स्टे

प्राइवेट घर में भुगतान लेकर पर्यटकों को ठहरने की सुविधा देने को होमस्टे कहा जाता है। मालूम हो कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी पिछले दिनों कहा था कि होमस्टे भी मुद्रा ऋण के लिए पात्र होंगे। इसका उद्देश्य ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में छोटे पैमाने के आतिथ्य व्यवसायों को समर्थन देना है।

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