PG कॉलेज में 1.22 करोड़ का गबन: अकाउंटेंट प्रमोद वर्मा गिरफ्तार, जानिए क्या है पूरा मामला

Embezzlement of Rs 1.22 crore in PG College : कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के शासकीय पीजी कॉलेज में 1.22 करोड़ के गबन का मामला सामने आया है। इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मुख्य आरोपी सहायक ग्रेड-2 के पदस्थ कर्मचारी प्रमोद कुमार वर्मा (अकाउंटेंट)को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
शिकायत पर खुला गबन का राज
दरअसल, महाविद्यालय प्रबंधन और जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष रिकेश वैष्णव ने बीते 21 मई 2024 को एक शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत में कॉलेज संचालन में गंभीर वित्तीय अनियमितता की बात कही गई थी। प्रारंभिक जांच में ही जनभागीदारी मद से संबंधित 28 लाख 32 हजार 407 रुपए के गबन की पुष्टि हुई थी।
मामला गंभीर होते देख उच्च शिक्षा विभाग ने एक विशेष जांच समिति गठित की। इस पड़ताल की रिपोर्ट विशेष जांच समिति ने उच्च शिक्षा संचालनालय को सौंपी। इस रिपोर्ट में गबन की राशि और बढ़ गई। पहले जो राशि 28 लाख 32 हजार 407 रुपए थी वो बढ़कर 1 करोड़ 22 लाख 59 हजार 125 रुपए हो गई। इसके बाद पहले दर्ज FIR में संशोधन कर विस्तृत जांच की गई।
जांच रिपोर्ट में ये आया सामने
1,13,28,570 की राशि कॉलेज के मद में जमा ही नहीं की।
24,81,805 की राशि स्व वित्तीय मद से संबंधित जमा में कमी पाई गई।
2,20,000 बिजली बिल के नाम पर निकाले गए लेकिन बिल का भुगतान नहीं हुआ।
9,40,555 मोबाइल बिल, ऑडिटोरियम किराया और अन्य मदों में मनमाने तरीके से खर्च किए।
घर में छुपाए थे कागजात
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गबन के मुख्य आरोपी प्रमोद वर्मा ने कॉलेज से सम्बंधित कई दस्तावेज अपने घर में छुपाकर रखे थे। जांच समिति ने बताया कि, तलाशी के दौरान कुछ दस्तावेज कॉलेज की अलमारी से और कुछ प्रमोद के घर से बरामद हुए हैं। पूछताछ में प्रमोद वर्मा ने खुद इस बात को स्वीकार किया कि उसने कई मूल लेखा दस्तावेज जानबूझकर घर में रखे थे।
करोड़ो का गबन उजागर होने के बाद कॉलेज प्रशासन ने तत्काल प्रमोद वर्मा को निलंबित कर दिया था। गिरफ्तारी के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच अब अंतिम चरण में है और जल्द ही चार्जशीट भी दाखिल की जाएगी।
इस पूरे गबन कांड में कुछ अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी आशंका जाताई जा रही है। जांच टीम यह भी पता लगा रही है कि प्रमोद वर्मा ने अकेले यह गबन किया या फिर किसी अन्य अधिकारी की मिलीभगत भी इसमें शामिल है। उच्च शिक्षा विभाग ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए सभी कॉलेजेस में वित्तीय ऑडिट और निगरानी बढ़ाने के निर्देश जारी किए हैं।
