DSP की पत्नी ने सरकारी गाड़ी के बोनट पर मनाया जन्मदिन: हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव से मांगा जवाब, पुलिस की कार्रवाई पर सवाल

Chhattisgarh High Court
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DSP Wife Celebrated Birthday on Govt Vehicle Bonnet : बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बलरामपुर जिले में एक पुलिस उपअधीक्षक (डीएसपी) की पत्नी द्वारा सड़क पर नीली बत्ती लगी निजी गाड़ी के बोनट पर जन्मदिन मनाने के मामले में स्वतः संज्ञान लिया है। डिवीजन बेंच, जिसकी अध्यक्षता चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा कर रहे हैं, ने इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव को शपथपत्र के माध्यम से जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद निर्धारित की है, जिसमें इस मामले में की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा गया है।

क्या है पूरा मामला ?

जानकारी के अनुसार, यह घटना बलरामपुर जिले में हुई, जहां बारहवीं बटालियन में तैनात डीएसपी तस्लीम आरिफ की पत्नी ने अपने जन्मदिन के अवसर पर एक निजी वाहन पर नीली बत्ती लगाकर उत्सव मनाया। इस वाहन के बोनट पर केक काटने का वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से वायरल हुआ, जिसके बाद जनता में आक्रोश फैल गया।

वीडियो में दिख रहा है कि यह घटना अंबिकापुर के एक होटल के पास हुई, जहां डीएसपी की पत्नी अपने दोस्तों के समूह के साथ थीं। इस मामले में गाड़ी के चालक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 177 (मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन), धारा 184 (खतरनाक ड्राइविंग), और धारा 281 (लापरवाही से वाहन चलाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। हालांकि, चालक की पहचान अभी तक अज्ञात बताई जा रही है।

सरकारी विशेषाधिकारों का दुरुपयोग

इस वायरल वीडियो ने सरकारी विशेषाधिकारों के दुरुपयोग को लेकर सवाल खड़े किए हैं। नीली बत्ती का उपयोग केवल अधिकृत सरकारी वाहनों के लिए होता है, और इसका निजी उपयोग कानूनन अपराध है। इस घटना ने सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा छेड़ दी, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज किया। पुलिस प्रशासन ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है, और कोर्ट ने मुख्य सचिव से इस मामले में अब तक की गई कार्रवाई का विवरण मांगा है।

मुख्य सचिव दें जवाब

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि नीली बत्ती के दुरुपयोग जैसे मामलों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्य सचिव को शपथपत्र के माध्यम से यह बताने को कहा गया है कि इस मामले में पुलिस और प्रशासन ने अब तक क्या कदम उठाए हैं। अगली सुनवाई में कोर्ट इस मामले की प्रगति की समीक्षा करेगा और उचित दिशा-निर्देश जारी करेगा।

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