डॉ. प्रिंस जयसवाल सस्पेंड: फर्जी MPH डिग्री दिखाकर ली थी नौकरी, जानिये क्या है पूरा मामला

डॉ. प्रिंस जयसवाल सस्पेंड
Surajpur Dr. Prince Jaiswal Fake Degree Case : रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के अंतर्गत सूरजपुर जिले में संविदा पर नियुक्त जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. प्रिंस जायसवाल को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है। उन्होंने अपनी नियुक्ति के लिए साबरमती विश्वविद्यालय, गुजरात से मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ (MPH) की डिग्री लगाई थी, जो जांच में फर्जी पाई गई। विश्वविद्यालय ने भी स्पष्ट किया कि प्रिंस जयसवाल कभी उनके छात्र नहीं रहे।
ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा का खुलासा
डॉ. प्रिंस जायसवाल ने अपनी संविदा नियुक्ति के लिए Master of Public Health (MPH) की डिग्री साबरमती विश्वविद्यालय, गुजरात (पूर्व में कैलॉर्क्स टीचर्स यूनिवर्सिटी) से संलग्न की थी। संदेह होने पर पुलिस अधीक्षक सूरजपुर द्वारा डिग्री की सत्यता की जांच कराई, जिसमें विश्वविद्यालय ने स्पष्ट किया कि प्रिंस जायसवाल कभी उनके छात्र रहे ही नहीं और प्रस्तुत किए गए दस्तावेज पूरी तरह फर्जी हैं।
नहीं दिया संतोषजनक जवाब
इसके बाद एनएचएम ने डॉ. जायसवाल को शो कॉज नोटिस जारी किया और जवाब मांगा। डॉ. जायसवाल ने जवाब में कोर्ट में मामला लंबित होने का हवाला दिया और न कोई दस्तावेज, न कोई स्थगन आदेश प्रस्तुत किया। इसके चलते NHM ने उन्हें दोषी मानते हुए संविदा सेवा समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया।
एनएचएम की जांच में यह पाया गया कि डॉ. प्रिंस जायसवाल ने नियुक्ति के लिए कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल किया, जो कि मानव संसाधन नीति 2018 और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 का घोर उल्लंघन है। उनके विरुद्ध गंभीर कदाचार की श्रेणी में कार्रवाई की गई है। उन्हें एक माह का वेतन/मानदेय दिया जाएगा, जो संविदा नियमों के अनुसार देय है। यह आदेश एनएचएम के आदेश क्रमांक 4186 दिनांक 23.02.2024 के अंतर्गत जारी किया गया है।
