छत्तीसगढ़ में कनवर्जन के खिलाफ आएगा नया कानून

छत्तीसगढ़ में कनवर्जन के खिलाफ आएगा नया कानून
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राज्य सरकार दिसंबर में आयोजित विधानसभा के शीतकालीन सत्र में नया धर्मांतरण निषेध कानून लाने वाली है। सरकार यह कदम इसलिए उठा रही है क्योंकि बस्तर, जशपुर और रायगढ़ जैसे जनजातीय इलाकों में काफी समय से कनवर्जन को लेकर विवाद और तनाव बढ़ा है। कई बार हालात इतने गंभीर हो गए कि पुलिस और प्रशासन को दखल देना पड़ा।

वर्तमान में राज्य में मध्यप्रदेश का पुराना कानून लागू है, जिसके तहत धर्म बदलने से पहले डीएम की अनुमति लेनी होती है। लेकिन सरकार का मानना है कि यह कानून अब पर्याप्त नहीं है और इसे मजबूत करने की जरूरत है।

इन राज्यों में पहले से लागू है कानून

कनवर्जन विरोधी कानून की शुरुआत सबसे पहले ओडिशा से हुई। ओडिशा ने 1967 में पहला कानून बनाया, जिसमें जबरन या लालच देकर धर्म परिवर्तन करवाने पर सजा का प्रावधान रखा गया। इसके एक साल बाद मध्यप्रदेश ने भी ऐसा ही कानून लागू किया।

समय के साथ अलग-अलग राज्यों ने महसूस किया कि कनवर्जन के मामलों में नए तरीके सामने आ रहे हैं, इसलिए उन्होंने कानूनों को और सख्त बनाना शुरू किया। हाल के वर्षों में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान ने अपने कानूनों में कड़े नियम जोड़े हैं। इन राज्यों का साफ कहना है कि अगर कोई व्यक्ति किसी को डर दिखाकर, पैसा या नौकरी का लालच देकर, या शादी का झांसा देकर धर्म परिवर्तन करवाने की कोशिश करता है, तो यह गंभीर अपराध माना जाएगा।

10 साल की सजा, लाखों के जुर्माने का प्रावधान

किसी भी व्यक्ति को धर्म बदलने से पहले पूरी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। उसे तय समय पर जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) को लिखित जानकारी देनी होगी। अगर कोई व्यक्ति बिना जानकारी दिए धर्म बदल लेता है, तो उसका धर्म परिवर्तन मान्य नहीं होगा।यदि किसी ने किसी को लालच देकर, डर दिखाकर, धमकाकर या धोखा देकर धर्म बदलवाने की कोशिश की, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी। ऐसे मामलों में जेल की सजा के साथ भारी जुर्माने का प्रावधान भी होगा।

बस्तर तक पहुंची धर्म जागरण

शादी के बहाने धर्म परिवर्तन कराना, जिसे कई राज्यों में लव जिहाद कहा जाता है, नए कानून में छत्तीसगढ़ में भी कड़ी नजर रखी जाएगी। यदि कोई व्यक्ति केवल शादी करवाने के मकसद से धर्म परिवर्तन कराता है या किसी को ऐसा करने के लिए मजबूर करता है, तो ऐसी शादी को कोर्ट अवैध घोषित कर सकती है।

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