छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: चैतन्य बघेल की आज विशेष कोर्ट में पेशी, ईडी मांगेगी रिमांड विस्तार!

चैतन्य बघेल की आज विशेष कोर्ट में पेशी, ईडी मांगेगी रिमांड विस्तार!
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ED will Present Chaitanya Baghel in Court : रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) आज पूर्व छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को विशेष कोर्ट (PMLA) में पेश करेगी। आज चैतन्य बघेल की पांच दिन की रिमांड अवधि समाप्त हो रही है। बता दें कि, बीते 18 जुलाई को ईडी ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चैतन्य को दुर्ग जिले के भिलाई स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था।

ईडी आज चैतन्य को विशेष कोर्ट (PMLA) रायपुर में पेश करेगी और रिमांड विस्तार की मांग कर सकती है। ईडी के वकील सौरभ पांडे ने बताया कि चैतन्य की सक्रिय भूमिका और 1000 करोड़ रुपये से अधिक की अपराध की आय को संभालने के सबूत हैं। दूसरी ओर चैतन्य के वकील फैसल रिजवी और हर्षवर्धन परगनिहा ने दावा किया कि उनकी आय 200 एकड़ कृषि भूमि से वैध है और उनके आयकर रिटर्न सभी खर्चों को उचित ठहराते हैं।

क्या है मामला?

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला (2019-2022) के दौरान भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के समय आबकारी विभाग में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आई हैं। ईडी का दावा है कि चैतन्य बघेल ने 16.7 करोड़ रुपये के अपराध की आय (PoC) प्राप्त की और 1000 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध राशि को संभाला। ईडी के अनुसार, चैतन्य ने अपनी रियल एस्टेट फर्म M/s बघेल डेवलपर्स के जरिए विठ्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट में अवैध धन को निवेश किया। 5 करोड़ रुपये की राशि सहेली ज्वेलर्स नामक शेल कंपनी के माध्यम से फ्लैट खरीद के बहाने हस्तांतरित की गई।

ईडी का कहना है कि यह घोटाला छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (CSMCL) के जरिए संचालित हुआ, जिसमें अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा, कवासी लखमा, और अन्य शामिल थे। 60,50,950 पेटी बिना ड्यूटी चुकाई गई बी-पार्ट शराब की अवैध बिक्री से 2174 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ, जो अब 3200 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी

18 जुलाई को भिलाई के मानसरोवर कॉलोनी में चैतन्य के आवास पर सीआरपीएफ के साथ ईडी ने छापेमारी की। यह कार्रवाई नए साक्ष्यों के आधार पर की गई, जिसमें लक्ष्मी नारायण बंसल (पप्पू बंसल) के बयान शामिल हैं, जिन्होंने 1000 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध राशि के लेनदेन में चैतन्य की भूमिका स्वीकारी।

विशेष कोर्ट में ईडी ने दावा किया कि चैतन्य ने अनवर ढेबर और अन्य के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन कोषाध्यक्ष को धन हस्तांतरित किया। ईडी ने विठ्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट की लागत को कम दिखाने और नकद भुगतान के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत पेश किए।

प्रोजेक्ट की वास्तविक लागत 13-15 करोड़ रुपये थी, लेकिन किताबों में केवल 7.14 करोड़ रुपये दिखाए गए। शिवम कंस्ट्रक्शन को केवल 2.62 करोड़ रुपये का भुगतान दिखाया गया, जो मनी लॉन्ड्रिंग का संकेत देता है।


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