CG Naxal Encounter: सवालों के घेरे में बस्तर एनकाउंटर, मारा गया माओवादी निकला सरकारी रसोइया...

सवालों के घेरे में बस्तर एनकाउंटर, मारा गया माओवादी निकला सरकारी रसोइया
छत्तीसगढ़। नक्सल मुक्त भारत के लिए सुरक्षा बल लगातार एंटी नक्सल ऑपरेशन चला रहे हैं। अब तक कई बड़े नक्सली मारे गए हैं। गृह मंत्री अमित शाह खुद इन ऑपरेशंस पर नजर बनाए हुए हैं। ऐसे में एक खबर कुछ दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। खबर यह है कि, बस्तर में बीते दिनों एक एनकाउंटर हुआ था। इस एनकाउंटर में मारा गया एक माओवादी सरकारी स्कूल का रसोइया निकला। मामला इतना आगे बढ़ गया कि, बस्तर पुलिस को बयान जारी करना पड़ा।
बस्तर पुलिस ने बच्चों को खाना खिलाने वाले सरकारी रसोइए को लाख का इनामी नक्सली बताया है। 10 जून को बस्तर पुलिस ने एक प्रेसनोट जारी कर बताया कि, इंद्रावती टाइगर रिजर्व पार्क में सुधाकर, भास्कर जैसे बड़े माओवादियों समेत 7 माओवादियों को मुठभेड़ में मारा गया। मारे गए इन सात में से एक माओवादी की पहचान महेश कुड़ियाम के रूप में हुई। कुड़ियाम पर एक लाख का ईनाम होने की बात भी कही गई।
परिजनों का आरोप माओवादी नहीं था कुड़ियाम :
अब महेश कुड़ियाम के परिजनों ने आरोप लगाया है कि, वो माओवादी नहीं बल्कि सरकारी रसोइया था। कुड़ियाम के 7 बच्चे हैं। महेश के खाते में सरकार हर महीने पैसे भी डालती है। बस्तर टॉकीज के अनुसार गांव वालों ने स्वीकार किया है कि, शेष छह माओवादी थे जिन्हें अलग - अलग स्थानों पर मारा गया।
बस्तर पुलिस ने प्रेस नोट जारी किया :
रसोईए को मारकर नक्सली बताने की खबर जब वायरल हुई तो बस्तर पुलिस ने प्रेस नोट जारी किया। पुलिस ने कहा कि, "एक बार पुनः माओवादी संगठन से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़े सभी व्यक्तियों से अपील की जाती है कि, वे इस प्रतिबंधित और अवैध संगठन से तत्काल संबंधविच्छेद करें। माओवादी संगठन से जुड़ाव न केवल समाज और क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि स्वयं संबंधित व्यक्ति के जीवन और भविष्य के लिए भी घातक सिद्ध हो सकता है।"
"महेश कुड़ियाम बीजापुर जिले के फरसगढ़ थाना अंतर्गत इरपागुट्टा गांव का निवासी था। मृत कुड़ियाम के शव का पंचनामा किए जाने के दौरान यह तथ्य सामने आया कि, वह नेशनल पार्क क्षेत्र डिवीजन के अंतर्गत प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) संगठन का पार्टी सदस्य था और उसकी संलिप्तता इस अवैध संगठन से थी।"
प्राथमिक विद्यालय में रसोई सहायक था महेश कुड़ियाम :
प्रेस स्टेटमेंट में यह भी कहा गया है कि, "महेश कुड़ियाम इरपागुट्टा गांव के प्राथमिक विद्यालय में रसोई सहायक के रूप में कार्यरत था। उसका चयन गांव की विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा किया गया था और मार्च 2025 तक उसे भुगतान किया जा रहा था।"
इन सवालों के भी देने होंगे जवाब :
महेश कुड़ियम जैसा रसोईया, किन परिस्थितियों में नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी के संपर्क में आया और वह नक्सल संगठन का सदस्य कैसे बना ? यह जांच का विषय है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भी इस मामले को लेकर सरकार पर सवाल उठाये हैं।
