स्कूलों में फिर शुरू होगा सहायक वाचन, पढ़ाई जाएगी देश-प्रदेश का इतिहास

प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग आगामी शिक्षा सत्र 2026-27 से कक्षा तीसरी से आठवीं तक सहायक वाचन को दोबारा शुरू करने जा रहा है। नई व्यवस्था के तहत बच्चों को देश और प्रदेश के इतिहास, संस्कृति, परंपराओं, नदियों, स्थानीय धरोहरों तथा स्वतंत्रता सेनानियों और महापुरुषों की जीवन गाथाएं पढ़ाई जाएंगी।
स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव ने हाल ही में समीक्षा बैठक में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और विद्यार्थियों को छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर से अवगत कराने के उद्देश्य से सहायक वाचन को अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्देश दिए थे। इसी के अनुपालन में स्कूल शिक्षा विभाग ने सहायक वाचन पुस्तकों के लेखन कार्य की शुरुआत कर दी है। यह जिम्मेदारी एससीईआरटी और राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण को सौपी गई है।
लोक कला भी बनेंगी पाठ्य सामग्री का हिस्सा
शिक्षा विभाग के अनुसार सहायक वाचन पुस्तकों के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र की रीति-रिवाज, खान-पान, विवाह परंपराएं, पारंपरिक बर्तन, तीज-त्योहार, लोक कला, नृत्य-शैली, वाद्य यंत्र, नाट्य परंपरा और स्थानीय चिकित्सा पद्धतियों से अवगत कराया जाएगा। इसके लिए सभी जिलों से संबंधित जानकारियां एकत्रित की जा रही हैं।पुस्तकों में जिलों का इतिहास, प्रमुख फसलें, औषधीय वनस्पतियां, विलुप्त खनिज संपदा, नदियां, पर्यटन स्थल तथा स्थानीय जीव-जंतु भी शामिल किए जाएंगे।
भाषा और गणित में सुधार पर रहेगा फोकस
विभाग प्राथमिक कक्षाओं में भाषा और गणित की नींव मजबूत करने पर विशेष ध्यान दे रहा है। कई सर्वेक्षणों में पाया गया कि बड़ी संख्या में प्राथमिक कक्षा के बच्चे इन दोनों विषयों में कमजोर हैं। स्थिति यह है कि कक्षा पांचवीं के विद्यार्थी सही ढंग से पढ़ और लिख पाते हैं।इस समस्या को देखते हुए मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि कक्षा पहली और दूसरी में भाषा शिक्षण के लिए बारहखड़ी का अनिवार्य उपयोग किया जाए। वहीं, कक्षा तीसरी और चौथी में रेमिडियल शिक्षण के तहत भी बारहखड़ी का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा।
नई शिक्षा नीति के अनुरूप होगी नई किताबें
राज्य में नई शिक्षा नीति के तहत प्राथमिक और मिडिल स्कूलों के लिए नया पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है। इस वर्ष कक्षा पहली से तीसरी तथा छठवीं में नया पाठ्यक्रम लागू कर दिया गया है। अगले वर्ष से चौथी, पांचवीं, सातवीं और आठवीं कक्षाओं में नई किताबें शुरू होंगी।एससीईआरटी द्वारा तैयार किए जा रहे नए पाठ्यक्रम में योग और व्यावसायिक शिक्षा पर विशेष जोर दिया गया है। कक्षा तीसरी में शारीरिक शिक्षा और योग, तथा छठवीं में योग, कला शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।
