देश की सुरक्षा सर्वोपरिः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

देश की सुरक्षा सर्वोपरिः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा ग्रिड होगी मजबूतः अमित शाह, डीजी-आइजी कांफ्रेंस मेंआतंकवाद से निपटने का रोडमैप तैयार

रायपुर में आयोजित 60वीं अखिल भारतीय डीजीपी-आईजीपी कॉन्फ्रेंस में देश की सुरक्षा का रोड मैप पेश किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में चली इस बैठक में देश की कानून व्यवस्था को मजबूत करने और आतंकवाद से निपटने के लिए व्यापक चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि विजन 2047 के तहत विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए आंतरिक सुरक्षा अपरिहार्य है।

कॉन्फ्रेंस में गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री मोदी को विशेष प्रस्तुति दी, जिसमें नक्सलवाद, आपदा प्रबंधन, महिलाओं की सुरक्षा और फॉरेंसिक साइंस के उपयोग पर विस्तृत चर्चा हुई। शाह ने कहा कि आतंकवाद के हर मोर्चे पर करारा जवाब दिया जाएगा, चाहे वह पारंपरिक हो या 'व्हाइट-कॉलर' टेरर, एआई और डिजिटल टूल्स के जरिए जांच को तेज करने पर जोर दिया गया। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा ग्रिड मजबूत करने व सीमावर्ती इलाकों में निगरानी बढ़ाने का प्लान बना।

हमारे पुलिस बल को आधुनिक तकनीक से लैस करना होगाः प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री मोदी ने दो टूक कहा कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है। हमारे पुलिस बल को आधुनिक तकनीक से लैस करना होगा, ताकि अपराध और आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जा सके। महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष सत्र में प्रधानमंत्री ने 'मिशन शक्ति' को मजबूत करने का आह्वान किया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने भी सत्र में भाग लिया। इस रोडमैप से पुलिस सुधारों को गति मिलेगी, और 2047 तक आतंकमुक्त भारत का लक्ष्य हासिल होगा। कॉन्फ्रेंस के निष्कर्षों को जल्द ही नीतिगत रूप दिया जाएगा। यह आयोजन आंतरिक सुरक्षा को नई दिशा देने वाला साबित हुआ।


सबसे आधुनिक होगी भारत की पुलिसिंगः शाह

गृह मंत्री ने मोदी सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि एनआईए और यूएपीए को सुदृढ़ बनाया गया, तीन नए आपराधिक कानूनों के साथ-साथ 'नारकोटिक्स' और भगोड़ों के खिलाफ भी मजबूत कानून बनाए गए हैं। तीनों नए आपराधिक कानूनों के पूरी तरह लागू होने के बाद भारत की पुलिसिंग दुनिया में सबसे आधुनिक हो जाएगी। शाह ने कहा कि 2014 में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 126 थी, जो घटकर अब सिर्फ 11 रह गई है।

सुबह 9 बजे से शुरू हुआ प्रजेंटेशन का सिलसिला

आईआईएम में डीजीपी आईजी कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन शनिवार को सुबह 9 बजे प्रेजेंटेशन का सिलसिला शुरू हुआ। सबसे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहुंचे थे और इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक कांफ्रेंस में खुफिया एजेंसी रॉ के प्रमुख पराग जैन ने प्रेजेंटेशन दिया। इसमें बाहरी खतरों से अवगत कराया और इससे निपटने के उपायों पर विचार रखे। यह हाई लेवल सालाना सिक्योरिटी कॉन्क्लेव 'डेवलप्ड इंडिया: सिक्योरिटी डाइमेंशन्स' के लिए एक आगे का रोडमैप बनाने पर फोकस है।

बैठक में काउंटर टेररिज्म, लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिज्म (एलडब्लूई), साइबर क्राइम, नारकोटिक्स ट्रैफिकिंग, बॉर्डर मैनेजमेंट, डिजास्टर रिस्पॉन्स, महिलाओं की सुरक्षा और मॉडर्न पुलिसिंग में फोरेंसिक साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के बढ़ते इस्तेमाल जैसे मुद्दों पर डिटेल में बातचीत तय है।

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