AI वरदान या अभिशाप: AI से बन रहे अश्लील वीडियो, बर्बाद हो रहीं मासूम जिंदगियां

छत्तीसगढ़ में एआई से बने अश्लील फोटो-वीडियो और डीपफेक मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वर्ष 2025 में ऐसे कई प्रमुख मामले सामने आए हैं। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार साइबर पॉर्नोग्राफी से जुड़े कुल लगभग 200 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें एआई का उपयोग शामिल हो सकता है।
आंकड़े दे रहे भविष्य की चेतावनी
प्रमुख मामले
ट्रिपल आईटी, नया रायपुर (अक्टूबर 2025)
एक छात्र ने एआई टूल्स का उपयोग कर 30–36 महिला छात्राओं के 1000 से अधिक अश्लील फोटो-वीडियो तैयार किए। आरोपी छात्र को गिरफ्तार कर कॉलेज से निष्कासित कर दिया गया।
कोरबा बनबंधा मामला (दिसंबर 2025):
25 वर्षीय रतिराम यादव ने एक नाबालिग लड़की का एआई-जनरेटेड अश्लील कंटेंट बनाकर व्हाट्सएप ग्रुप में वायरल किया। मामले में एफआईआर दर्ज की गई है और जांच जारी है।
सक्ती जिला
हाल ही में एक चॉइस सेंटर संचालक के खिलाफ एक युवती की फर्जी एआई-निर्मित इमेज बनाकर ग्रुप में शेयर करने का मामला सामने आया है। इस संबंध में अपराध दर्ज किया गया है।
साइबर पॉर्नोग्राफी के आंकड़े
2023–24 के स्टेटिस्टिक्स के अनुसार छत्तीसगढ़ में लगभग 200 साइबर पॉर्नोग्राफी से जुड़े मामले दर्ज हुए हैं। इनमें मुख्य रूप से ऑनलाइन अश्लील सामग्री, एआई-जनरेटेड कंटेंट और डीपफेक शामिल हो सकते हैं।
डिजिटल दुनिया के खतरे की ओर इशारा
ये घटनाएं डिजिटल दुनिया के बढ़ते खतरों की ओर संकेत करती हैं। एआई तकनीक का गलत उपयोग विशेष रूप से नाबालिगों के लिए गंभीर चुनौती बनता जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई और सामाजिक जागरूकता बेहद जरूरी है। कोरबा पुलिस के अनुसार जांच जारी है और आरोपी को शीघ्र पकड़ा जाएगा।
परिवार की चिंता
कोरबा जिले के थाना पाली क्षेत्र के ग्राम बनबंधा में नाबालिग लड़की का अश्लील फोटो-वीडियो बनाए जाने के मामले में पीड़िता के परिवार ने 5 दिसंबर को शिकायत दर्ज कराई थी। दो सप्ताह बाद भी आरोपी की गिरफ्तारी न होने से परिवार चिंतित है।
परिजनों का आरोप है कि आरोपी लंबे समय से लड़की को परेशान कर रहा था। उसने एआई टूल्स का दुरुपयोग कर फर्जी अश्लील सामग्री बनाई और ब्लैकमेल करने की कोशिश की। इनकार करने पर आरोपी ने गुस्से में कंटेंट गांव के व्हाट्सएप ग्रुप में साझा कर दिया। अब परिवार को धमकियां भी मिल रही हैं। आरोपी पुलिस और साइबर सेल से संपर्क होने का दावा कर रहा है।
मामले की जांच कटघोरा थाना प्रभारी धर्मनारायण तिवारी को सौंपी गई है। प्रगति न होने पर पीड़ित परिवार ने पुलिस अधीक्षक से आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है।
हेल्पलाइन
ऐसे मामलों में साइबर हेल्पलाइन 1930 पर तुरंत शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।अभिभावकों से अपील है कि वे बच्चों को ऑनलाइन सुरक्षा के प्रति जागरूक करें, ताकि इस तरह की घटनाओं पर रोक लग सके।
