Tendupatta Bonus Scam: तेंदूपत्ता बोनस घोटाला मामले में 4 वनकर्मी समेत 11 अरेस्ट, EOW ने कहा- DFO-अफसरों ने साठगांठ कर डकार गए पैसा

11 Arrested in Tendupatta Bonus Scam Case : रायपुर। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में 7 करोड़ रुपये के तेंदूपत्ता बोनस घोटाले में आर्थिक अपराध शाखा (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में 4 वन विभाग कर्मचारियों और 7 प्राथमिक वनोपज समिति प्रबंधकों सहित कुल 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पूर्व डिवीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (DFO) अशोक कुमार पटेल को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इस घोटाले ने आदिवासी तेंदूपत्ता संग्राहकों के हक को लूटने की साजिश को उजागर किया है, जिससे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया है।
घोटाले का खुलासे के बाद EOW की कार्रवाई
EOW के अनुसार, तत्कालीन DFO अशोक कुमार पटेल ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए वन विभाग के अन्य अधिकारियों और प्राथमिक वनोपज समिति प्रबंधकों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची। यह घोटाला 2021 और 2022 के तेंदूपत्ता संग्रहण सीजन से जुड़ा है, जिसमें तेंदूपत्ता संग्राहकों को बोनस के रूप में दी जाने वाली लगभग 7 करोड़ रुपये की राशि का गबन किया गया। यह राशि लाभार्थियों तक पहुंचने के बजाय निजी व्यक्तियों और अन्य गैर-कानूनी कार्यों में खर्च की गई।
EOW ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 409 (आपराधिक विश्वासघात) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत अपराध क्रमांक 26/2025 दर्ज किया। 8 अप्रैल 2025 को FIR दर्ज होने के बाद, 10 और 11 अप्रैल को सुकमा जिले में 12 स्थानों पर छापेमारी की गई। इस दौरान DFO कार्यालय के कर्मचारी राजशेखर पुराणिक के घर से 26 लाख 63 हजार 700 रुपये नकद, महत्वपूर्ण दस्तावेज, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और बैंक खातों से संबंधित कागजात जब्त किए गए।
गिरफ्तार आरोपियों के नाम
EOW ने निम्नलिखित 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्हें दंतेवाड़ा जिला न्यायालय में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है:
वनकर्मी: चैतूराम बघेल, देवनाथ भारद्वाज, पोड़ियामी हिडमा (इडिमा), मनीष कुमार बारसे (वनरक्षक)
प्राथमिक वनोपज समिति प्रबंधक: पायम सत्यनारायण उर्फ शत्रु, मोहम्मद शरीफ, सीएच रमना (चिट्टी), सुनील नुप्पो, रवि कुमार गुप्ता, आयतू कोरसा, मनोज कवासी
इसके अतिरिक्त, DFO अशोक कुमार पटेल को 17 अप्रैल 2025 को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें 23 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में रखा गया था। इस मामले में अब तक कुल 12 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।
घोटाले का पूरा मामला
तेंदूपत्ता, जिसे "हरित सोना" भी कहा जाता है, सुकमा जिले के आदिवासी समुदायों के लिए आय का प्रमुख स्रोत है। 2021 में 15 और 2022 में 10 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों ने लगभग 90,000 तेंदूपत्ता संग्राहकों से तेंदूपत्ता खरीदा था। इन संग्राहकों को 2021 के लिए 4.51 करोड़ रुपये और 2022 के लिए 3.70 करोड़ रुपये का बोनस नकद में वितरित किया जाना था, क्योंकि अधिकांश लाभार्थियों के पास बैंक खाते नहीं थे।
हालांकि, जांच में खुलासा हुआ कि DFO अशोक कुमार पटेल और उनके सहयोगियों ने इस राशि का बड़ा हिस्सा हड़प लिया। कुछ राशि को निजी व्यक्तियों और गैर-कानूनी गतिविधियों में डायवर्ट किया गया। पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने 8 जनवरी 2025 को सुकमा कलेक्टर को पत्र लिखकर 3.62 करोड़ रुपये के गबन की शिकायत की थी, जिसके बाद जांच शुरू हुई।
छापेमारी में मिले सुबूत
10 और 11 अप्रैल 2025 को EOW और ACB ने सुकमा, दोरनापाल, और कोंटा सहित 12 स्थानों पर छापेमारी की। इसमें पूर्व विधायक मनीष कुंजाम, DFO कार्यालय के कर्मचारी राजशेखर पुराणिक, और कई समिति प्रबंधकों के ठिकाने शामिल थे। छापेमारी में नकदी के अलावा डिजिटल उपकरण, बैंक रिकॉर्ड, और संपत्ति से संबंधित दस्तावेज जब्त किए गए। जांच में यह भी पता चला कि कुछ प्रबंधकों ने DFO को रिश्वत दी थी।
मनीष कुंजाम का बयान
पूर्व विधायक और बस्तरिया राज मोर्चा के नेता मनीष कुंजाम ने छापेमारी को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया। उन्होंने कहा, “मैंने तेंदूपत्ता बोनस में गड़बड़ी की शिकायत की थी, लेकिन मेरे घर पर छापा मारा गया। छापे में कुछ नहीं मिला। यह मेरी छवि खराब करने की साजिश है।” कुंजाम ने यह भी आरोप लगाया कि छापेमारी का कारण जिला पंचायत चुनाव में भाजपा को समर्थन न देना था।
बता दें कि, तेंदूपत्ता संग्रहण आदिवासियों की आजीविका का प्रमुख स्रोत है। छत्तीसगढ़ में लगभग 13 लाख परिवार तेंदूपत्ता संग्रहण से जुड़े हैं और यह "हरित सोना" उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करता है।
