शाहरुख खान पर भ्रामक विज्ञापन का केस: रायपुर सिविल कोर्ट में आज होगी नोटिस पर सुनवाई

Raipur Shahrukh Khan Misleading Advertisement Case : रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की सिविल कोर्ट में बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के खिलाफ एक गंभीर याचिका दायर की गई है, जिसमें उन पर भ्रामक विज्ञापनों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है। यह मामला आज 7 अप्रैल 2025 को कोर्ट में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है, जिसमें यह तय होगा कि शाहरुख खान और अन्य पक्षों को नोटिस जारी किया जाए या नहीं। याचिका को कोर्ट ने पहले ही स्वीकार कर लिया था लेकिन नोटिस जारी करने का फैसला अभी लंबित है।
जानकारी के अनुसार, यह याचिका रायपुर निवासी वकील फैजान खान ने दायर की है, जिनके वकील विराट वर्मा इस मामले में उनकी ओर से पैरवी कर रहे हैं। याचिका में दावा किया गया है कि शाहरुख खान बड़ी कंपनियों के उत्पादों का भ्रामक विज्ञापन कर रहे हैं, जो देश के युवाओं, महिलाओं और बच्चों को गुमराह कर रहा है।
वकील वर्मा का कहना है कि इन विज्ञापनों से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों और गरीबी जैसी सामाजिक समस्याओं में वृद्धि हो रही है, जिस पर लगाम लगाना जरूरी है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर रायपुर सिविल कोर्ट नोटिस जारी करने से इनकार करती है, तो वे संविधान के अनुच्छेद 227 के तहत छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में अपील दायर करेंगे और हाईकोर्ट से नोटिस जारी कर मामले की गंभीरता से सुनवाई की मांग करेंगे।
ये है पूरा मामला
फैजान खान और उनके वकील का आरोप है कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, टेलीविजन और अन्य माध्यमों पर बड़ी कंपनियां भ्रामक विज्ञापन प्रसारित कर रही हैं, जिसमें मशहूर हस्तियों का सहारा लिया जा रहा है। शाहरुख खान पर इन विज्ञापनों में शामिल होने का आरोप है, जिससे युवा वर्ग और अन्य लोग गलत दिशा में प्रभावित हो रहे हैं।
याचिका में विशेष रूप से पान मसाला, फेयरनेस क्रीम और ऑनलाइन गेमिंग जैसे उत्पादों के विज्ञापनों का जिक्र है, जो कथित तौर पर गलत जानकारी फैलाते हैं। इस याचिका में शाहरुख खान के अलावा कई बड़ी कंपनियों को भी प्रतिवादी बनाया गया है।
वकील विराट वर्मा के अनुसार, कोर्ट में दायर याचिका में गूगल इंडिया, अमेजन, यूट्यूब, आईटीसी, हेड डिजिटल वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड जैसे दिग्गज संगठनों को शामिल किया गया है, जो इन भ्रामक विज्ञापनों के प्रसार में कथित रूप से शामिल हैं। उनका कहना है कि इन कंपनियों और सेलिब्रिटीज की मिलीभगत से जनता को धोखा दिया जा रहा है, जिसका असर स्वास्थ्य और सामाजिक स्तर पर पड़ रहा है।
