सांसद रविशंकर ने उठाया संसद में शाह बानो केस :

सांसद रविशंकर ने कहा - आज कल संविधान की लाल किताब दिखाई जाती है। मैं संसद में रखी हरी किताब लेकर आया हूं। संविधान की धारा 15 में महिलाओं और सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए प्रावधान करने का उल्लेख है। मैं बिहार से आता हूं। वहां और उत्तरप्रदेश में कई पिछड़े मुसलमान है। वक्फ बिल में उन्हें भी जगह दी जा रही है तो परेशानी क्या है। यह वक्फ बिल जो संशोधित हो रही है यह आर्टिकल 15 के तहत ही है। अब धारा 25 की बात की जा रही है तो इसका दूसरा पैरा भी पढ़िए। वक्फ कोई धार्मिक संस्था नहीं है बल्कि यह एक कानूनी संस्था है।
मुतवल्ली की भूमिका पर सवाल उठे। एक किताब को कोट करते हुए उन्होंने बताया मुतवल्ली का वक्फ की प्रॉपर्टी में कोई अधिकार नहीं बल्कि प्रॉपर्टी के मैनेजर हैं। अगर 8 लाख संपत्ति को लूटा जा रहा है तो सरकार चुप रहे। हमें बताएं कि, वक्फ की संपत्ति पर कितने स्कूल, हॉस्पिटल और उद्योग लगे। अगर आज इस प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ाने की बात हो रही है तो परेशानी क्या है। यह दिल से कहते हैं संशोधन हो लेकिन इनके अंदर कुछ और है। शाहबानो के केस में अदालत का फैसला आया। उन्हें कुछ सौ रुपए मिले। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ क्या हुआ यह हमने देखा है। प्रधानमंत्री थे उस समय राजीव गांधी।
AIMPLB ने तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट में कहा कि, निकाहनामा में हम कहेंगे कि, ट्रिपल तलाक मत दो। जब बिल पास हुआ तो तीन तलाक का विरोध इन्होने पूरे देश में किया। धारा 370 को लेकर भी इसी तरह का भ्रम बना लेकिन आज वहां लोकतांत्रिक सरकार है। वोट बैंक के लिए देश कहां तक जाएगा।
इस देश में जितना हक मुस्लिमों का है उतना ही हक मुस्लिमों का है। मुस्लिम समाज के आदर्श डॉ. एपीजे अब्दुल कलम जैसे लोग हैं। जब मोहम्म्मद शमी विकेट लेता है तो हम सबको ख़ुशी होती है। शाहबानो केस में जो हुआ उसके बाद आज तक कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला। हमें दो बार पूर्ण बहुमत मिला। तीसरी बार गड़बड़ हुई लेकिन जनता ने सच समझ लिया और बाद में दिल्ली जिता दी।
