90 दिन का सुनहरा मौका: चीन पर अमेरिका का शिकंजा भारतीय निर्यातकों के लिए खोल सकता है बड़े दरवाजे…

दीपक उपाध्याय, नई दिल्ली। अमेरिका द्वारा चीन पर 145 प्रतिशत का टैरिफ लगाने के बाद भारत ने ऐसे 10 सेक्टर की पहचान की है, जहां पर वो दुनिया के अन्य प्रमुख निर्यातकों से बेहतर कर सकता है। दरअसल, अमेरिका के चीन के साथ चल रहे ट्रैरिफ युद्ध के बाद कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स, चमड़ा, जूते, कंफेक्शनरी, खिलौने और एसेंशियल ऑयल जैसे उत्पादों के निर्यात में भारत बाजी मार सकता है।
उदाहरण के लिए कपड़ा और एपैरेल निर्यात के मामले में अमेरिका में सबसे बड़ा निर्यातक चीन था, जो कि अमेरिका के कुल आयात में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता था, जबकि भारत अमेरिकी आयात में 3.8 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखता है। अमेरिका ने चीन पर 145 प्रतिशत टैक्स लगा दिया है, जबकि भारत पर 26 प्रतिशत लगाया था, वो भी 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया है।
ऐसे में भारत पर सिर्फ 10 प्रतिशत का बेसलाइन टैक्स ही है। इसलिए अगले 90 दिनों में भारतीय टैक्सटाइल एक्सपोर्टस के पास अमेरिका से काफी आर्डर आ सकते हैं।
नीति आयोग ने इसके साथ ही हैंड टूल और पावर टूल्स के बाजार में भी बड़ी संभावनाएं देखी हैं। आयोग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हैंड और पावर टूल के मामले में भारत की हिस्सेदारी बहुत ही कम है। इस 100 अरब डॉलर के बाजार में जहां चीन की कंपनियों का 50 प्रतिशत कब्जा है, वहीं भारत की कंपनियां महज 1 से 2 प्रतिशत ही निर्यात में हिस्सेदार हैं।
ऐसे में भारतीय कंपनियों के पास अब इस सेक्टर में ज्यादा से ज्यादा निर्यात का मौका है। हालांकि चीन के उत्पादों की कीमत भारत के मुकाबले 14 से 17 प्रतिशत तक कम हैं। लेकिन भारत अगर इस सेक्टर पर लागतों को कम करे तो इस बड़े बाजार में निर्यात बेहतर हो सकता है।
जानकारी के मुताबिक अमेरिका करीब 900 बिलियन डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक्स आयात करता है, इसमें चीन की हिस्सेदारी करीब 50 प्रतिशत है, यानी चीन अभी तक अमेरिका को 450 बिलियन डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद निर्यात करता था।
जबकि इस सेक्टर में भारतीय निर्यातकों की हिस्सेदारी सिर्फ 7 प्रतिशत की ही थी। अब इस सेक्टर में अमेरिका के चीन पर शिकंजा कसने के बाद भारत इस सेक्टर में भी ज्यादा से ज्यादा निर्यात अमेरिका को कर सकता है।
